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गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी बिहार, बंगाल व झारखंड के सैकड़ों अभ्यर्थियों से 45 लाख से ज्यादा ठगने का आरोप रेल मंत्री के कोटे से ग्रुप सी और डी में बहाली कराने का देते थे आश्वासन कोलकाता : रेल मंत्री के कोटे से नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की […]
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी
बिहार, बंगाल व झारखंड के सैकड़ों अभ्यर्थियों से 45 लाख से ज्यादा ठगने का आरोप
रेल मंत्री के कोटे से ग्रुप सी और डी में बहाली कराने का देते थे आश्वासन
कोलकाता : रेल मंत्री के कोटे से नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करनेवाले एक गिरोह परदाफाश किया गया है. रेलवे सुरक्षा बल सियालदह के क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच, एनटी फ्रॉड डिपार्टमेंट और जीआरपी सियालदह ने संयुक्त अभियान चला कर तीन लोंगो को बुधवार दोपहर सियालदह रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक से गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम सपन साहा (46), रामनाथ सिंह (24) और शंकर गायन (27) हैं. आरोपियों के पास से रेलवे भरती बोर्ड के पांच नियुक्ति पत्र, रेलवे के फरजी पहचान पत्र, टीटी के चार बैच, तीन फील्ड पहचानपत्र के साथ एमआर कोटा में भरती करने के इस्तेमाल से संबंधी कई दस्तावेज बरामद किये गये हैं.
नॉर्थ 24 परगना जिले के हाबरा थाना अंतर्गत झारजा तल्ला इलाके का रहने वाला सपना साहा इस गिरोह का सरगना बताया जाता है. दूसरा आरोपी रानाथ सिंह हुगली जिले के डानकुनी थाना अंतर्गत नॉर्थ सुभाष पल्ली इलाके का रहनेवाला है. तीसरा आरोपी शंकर गायन उत्तर 24 परगना के अशोक नगर थाना अंतर्गत बायगाछी गांव का रहनेवाला बताया जाता है. इस गिरोह का मुख्य आरोपी सपन साहा है.
उस पर आरोप है कि वह बंगाल, बिहार और झारखंड के युवकों को रेलवे में ग्रुप सी व डी की नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये लेता था. रुपये हाथ में आते ही यह गिरोह नौ-दो ग्यारह हो जाता. एक अनुमान के अनुसार इस गिरोह ने अब तक 45 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी की है.
एनटी फ्रॉड डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर रोनाल्ड ब्रेक ने बताया कि गिरोह का मास्टर माइंड सपन साहा 10 सालों से इस धंधे से जुड़ा है. काफी शानो शौकत से रहनेवाला सपन का कोलकाता में 50 लाख से ज्यादा की कीमत का घर है, जो फुली एसी है. उसके पास एक आइ 20 गाड़ी भी है. इस गिरोह ने बकायदा एक डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.आरआरबी रिजल्ट.गोल्फ.इन नाम से एक वेबसाइट भी खोल रखी थी. इस वेबसाइट के माध्यम से ये लोग अभ्यर्थियों को रेलवे परीक्षा का एडमिट कॉर्ड देते थे. एेसा करने से अभ्यर्थी को भी उनके फरजी होने का शक नहीं होता.
गिरफ्तार दूसरे आरोपी रामनाथ सिंह का काम था रेलवे में नौकरी के इच्छुक युवकों की तलाश करना, जबकि शंकर गायन पोस्टमैन का काम करता था. वह पोस्टमैन के रूप में पास होनेवाले लड़कों के घर तक नियुक्ति पत्र पहुंचाता था.
आरपीएफ सियालदह के क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच के इंस्पेक्टर अजय शंकर ने बताया कि पिछले दिनों सियालदह मंडल प्रबंधक के पास मेहंदी हसन नामक एक अभ्यर्थी ने इस ठगी की शिकायत की थी. आरोपी सपन साहा ने मेहंदी और तीन अन्य लोंगो से रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में 15 लाख रुपये का डिमांड किया था. मेहंदी हसन को बताया गया था कि उसे रेल मंत्री के कोटे से ग्रुप डी में भरती की जा रही है.
घटना की जानकारी के बाद डीआरएम के निर्देश पर एक टीम बना कर आरोपी को पकड़ने के लिए प्लान बनाया गया. अभ्यर्थियों ने 15 लाख रुपये देने की बात कह कर सपन साहा को सियालदह स्टेशन पर बुलाया. बुधवार को एक नंबर प्लेटफॉर्म पर ज्योंही सपन और उसके साथी पहुंचे, पहले से तैयार बैठी सीआइबी, एनटी फ्रॉड डिपार्टमेंट और जीआरपी की टीम ने उन्हें धर दबोचा. आरोपियों से मिली जानकारी के अनुसार उनके गिरोह में एक मौसमी नाम की लड़की है, जो अभ्यर्थियों का मेडिकल करवाती थी. हालांकि वह जीआरपी के पकड़ से फिलहाल दूर है.
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