कोलकाता: हावड़ा के फोरसोर रोड स्थित हावड़ा जूट मिल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. स्थानीय लोगों के पक्ष में अभियान चला रही सामाजिक संस्था निगरानी संस्थान ने इस मुद्दे पर जोरदार आंदोलन चलाने की धमकी दी है.
संस्था ने आरोप लगाया है कि अदालत के निर्देश के बावजूद न केवल यहां पेड़ काटे जा रहे हैं, बल्कि जमीन बेचने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. निगरानी संस्थान के सचिव एचबी सिंह का कहना है कि हावड़ा जूट मिल 1967 से बंद पड़ी है. बंद मिल की काफी जमीन पहले ही बेच दी गयी.
अब बाकी जमीन को भी गलत तरीके से बेचने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए यहां काफी पुराने 14-15 विशाल पेड़ काट डाले गये हैं, जिसकी शिकायत वन विभाग, पुलिस एवं जिला अधिकारी को किये जाने के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. श्री सिंह ने दावा किया कि इस जमीन को सरकार ने उद्योग लगाने के लिए सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराया था, लेकिन सरकारी नियम को अंगूठा दिखाते हुए इसकी अधिकतर जमीन जैसे-तैसे बेच दी गयी. अब बाकी जमीन को बेचने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि निगरानी संस्थान ने इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए वन व पर्यावरण विभाग से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र दे चुकी है, लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. श्री सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द कोई कदम नहीं उठाती है, तो हम लोग जोरदार आंदोलन करेंगे.