कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के कुछ सदस्यों ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दक्षिण 24 परगना जिले के कोडालिया में उनके पैतृक आवास की मरम्मत कराये जाने का विरोध किया है.
नेताजी के परिवार के प्रवक्ता चंद्र बोस ने कहा कि सरकार निजी संपत्ति में दखलंदाजी कर रही है. इसे नेताजी की मां प्रभावती बोस ने अपने सात पुत्रों को सौंपा था. इस बात की कोई खबर नहीं है कि नेताजी ने कभी कोडालिया हाउस में रात बितायी है और निश्चित तौर पर (उसका) आइएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने परिवार के सदस्यों को बताये बिना व्यापक बदलाव करवाये हैं, जिसमें चारदीवारी को तुड़वाना शामिल है. परिवार ने अब कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर करने का निर्णय किया है. संपर्क किये जाने पर राज्य विरासत आयोग के अध्यक्ष शुभप्रसन्ना ने कहा कि हम केवल सपंत्ति को बहाल करने और संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि नेताजी से संबंधित स्मृतियों को सुरक्षित किया जा सके. इसके अधिग्रहण की हमारी कोई मंशा नहीं है.
बोस परिवार ने कहा कि दक्षिण 24 परगना जिले का कोडालिया हाउस नेताजी के बाबा हरनाथ बोस ने डेढ़ सौ से अधिक वर्ष पहले बनवाया था. इसे मरम्मत कर अच्छी अवस्था में रखा जा रहा था. परिवार ने कहा कि मुख्यमंत्री को कोडालिया संपत्ति की परिस्थितियों के बारे में लिखित में सूचित किया गया था तथा उनसे समय भी मांगा गया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.