कोलकाता: कोल इंडिया लिमिटेड ने उस पर अनुचित व्यापार व्यवहार मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) द्वारा 1,773 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश के खिलाफ प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण (कम्पेट) में अपील की है.
सीसीआइ ने कोल इंडिया लिमिटेड पर पिछले महीने जुर्माना लगाया है. सार्वजनिक क्षेत्र की किसी भी कंपनी पर पहली बार इतनी बड़ी राशि का जुर्माना लगाया गया. कोल इंडिया पर यह जुर्माना कथित तौर पर ईंधन आपूर्ति में अपनी मजबूत स्थिति का अनुचित लाभ उठाने के मामले में लगाया गया है.
सीसीआइ के 9 दिसंबर के आदेश को चुनौती देते हुये कंपनी ने कम्पेट में अपील दायर की है. न्यायाधिकरण में अगले सप्ताह तक मामले की सुनवाई होने की उम्मीद है. पिछले साल 11 दिसंबर को कोल इंडिया ने कहा था कि आदेश की कॉपी मिलने के बाद मामले में आगे उपयुक्त कदम उठाया जायेगा. सीसीआइ ने अपने आदेश में कहा है कि कोल इंडिया ईंधन आपूर्ति बाजार में शक्तियों से अलग स्वतंत्र रुप से काम कर रही है.
नॉन कोकिंग कोल के उत्पादन एवं आपूर्ति मामले में कंपनी अविवादित रूप से काफी मजबूत स्थिति में है. सीसीआइ के आदेश में कहा गया है कि कोल इंडिया ने बाजार में अपनी एकाधिकार वाली स्थिति का लाभ उठाते हुए ईंधन आपूर्ति समझौता करने में खरीदारों के साथ आपसी सहमति की द्विपक्षीय प्रक्रिया के जरिये शर्तो को अंतिम रूप देने का कोई प्रयास नहीं किया. सीसीआइ ने कोल इंडिया को गैर-प्रतिस्पर्धी तौर तरीकों को बंद करने और इससे दूर रहने का भी निर्देश दिया है.