कोलकाता: महानगर में ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जिनके पास अपनी जमीन है, पर रुपये नहीं होने के कारण वह अपने सपनों का घर नहीं बना पा रहे हैं और टूटे-फूटे कच्चे मकान में जिदंगी बसर करने के लिए मजबूर हैं. अब जल्द ही उन गरीबों का अपना आशियाना बनाने का सपना साकार होने वाला है.
यूं तो परियोजना 2010 की है, पर कोलकाता नगर निगम इसे अमल में लाने के लिए कदम नहीं उठा रहा था. केंद्र सरकार ने अपने हाउसिंग फॉर अर्बन पुअर स्कीम के लिए निगम को करोड़ों रुपये का फंड दिया था, पर परियोजना के शुरू नही होने के कारण इस फंड के वापस होने का खतरा मंडराने लगा है.
इसलिए अब आनन-फानन में निगम ने इस परियोजना को शुरू करने का फैसला किया है. इसके लिए स्टेट अर्बन डेवलप्मेंट एजेंसी (सूडा) ने निगम को पांच करोड़ रुपये दे भी दिये हैं. यह परियोजना इतनी जल्दबाजी में शुरू की गयी है कि 31 जनवरी तक सभी बोरो चेयरमैन को लाभार्थियों की तालिका जमा करने का निर्देश दिया गया है. केंद्र से मिले फंड की शर्त के अनुसार अगर फरवरी तक घर बनना शुरू नहीं हुआ तो रकम वापस चली जायेगी.
फंड से फिलहाल प्रत्येक बोरो में एक घर बनाने के लिए एक लाख 49 हजार रुपये दिये जायेंगे. जिस व्यक्ति की आमदनी छह हजार रुपये के अंदर है, वह इस योजना के तहत आवेदन कर सकता है. इसके लिए बीपीएल तालिका में नाम होना जरूरी नहीं है. अनुसूचित जाति व जनजाति और अल्पसंख्यक सभी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना के अंदर घर बनाने के लिए दो किस्त में रकम दी जायेगी. पहले चरण में निगम 50 प्रतिशत रकम देगा, जिससे लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा करना होगा. उसके बाद ही बाकी रकम दी जायेगी. इस योजना के तहत सबसे जरूरी बात यह है कि जमीन अपनी होनी चाहिए. एक या दो कट्ठा जमीन होने पर इस योजना के तहत आर्थिक मदद मिलेगी. योजना के लिए निगम जल्द ही एक फार्म जारी करेगा. फार्म के लिए स्थानीय पार्षद व बोरो चेयरमैन से संपर्क करना होगा. पार्षद द्वारा जारी इनकम सर्टिफिकेट को अनिवार्य करार दिया गया है. फार्म जमा करने के बाद निगम का सोशल सेक्टर डिपार्टमेंट उसकी जांच करेगा.