– विकास गुप्ता –
कोलकाता : हाल ही में शॉर्ट स्ट्रीट व दमदम में बार के अंदर विवाद के दौरान लोगों की मौत का मामला और दोनों ही मामलों में बाउंसर का अहम रोल होना पुलिस के लिए एक चिंता का विषय बन गया है.
दोनों ही मामलों से सबक लेते हुए कोलकाता पुलिस अपने दायरे में अब दोबारा ऐसी किसी घटना का जोखिम नहीं लेना चाहती. इसी कारण दमदम की घटना के बाद कोलकाता पुलिस आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ ने लालबाजार में सभी विभागीय डीसी के साथ एक जरूरी बैठक की. लालबाजार सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सीपी ने सभी डीसी व थाना प्रभारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है.
बैठक में उन्होंने महानगर के सभी सुरक्षा एजेंसियों के लिए कुछ खास गाइडलाइन भी दिये है. इन नियम की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई किये जाने की हिदायत भी साफ शब्दों में इन्हें दी गयी है.
ट्रेनिंग के अभाव में लोगों से उलझ कर झमेले को देते हैं दावत : बैठक में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताते है कि हाल ही में शॉर्ट स्ट्रीट में हुए गोलीबारी में किराये पर बाउंसर व सुरक्षा गार्ड को वारदात स्थल पर लाया गया था. जिसमें किसी भी बाउंसर का ड्रेस व परिचय पत्र नहीं था.
मामले की जांच में कुछ 18 वर्ष के नीचे के सुरक्षा गार्ड शॉर्ट स्ट्रीट में भेजे गये थे, जो कि सरासर अवैध है. उचित ट्रेनिंग दिये बिना ही इनकी नियुक्ति कर विभिन्न जगहों पर इन्हें ड्यूटी पर भेज दिया जाता है. ट्रेनिंग के अभाव में ये लोगों से अभद्र आचरण कर झमेले को दावत देते है. अधिकारियों ने बताया कि साल के अंतिम महीने में महानगरवासी फेस्टिव मूड में है.
महानगर के सभी पर्यटन स्थल, होटल, क्लब के अलावा बार व छोटे बड़े रेस्तरां में भी लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है. ऐसे हालत में किसी भी समय यहां छोटे–मोटे झमेले का खतरा बना रहता है. छोटे मोटे घटनाओं में वहां के सुरक्षा गार्ड व बाउंसर फिर से लोगों से उलझते है तो पुलिस के लिए हालात को संभालना कठिन साबित होगा.
पुलिस की मदद से बाउंसरों को लेनी होगी ट्रेनिंग : पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गाइडलाइन में दिये गये निर्देश के मुताबिक अब सभी सुरक्षा एजेंसियों को सबसे पहले लाइसेंस धारी होना होगा. एजेंसी के मालिक को 18 वर्ष से कम उम्र के सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति पर पाबंदी लगा दी गयी है. जितने भी सुरक्षा गार्ड या बाउंसर को नियुक्त किया जायेगा, सभी को परिचय पत्र व ड्रेस के साथ ही ड्यूटी पर भेजना होगा. महीने में एक बार सभी सुरक्षा कर्मियों व बाउंसर को स्थानीय थाने की मदद लेकर ट्रेनिंग करवाना होगा.
जिसमें उन्हें लोगों से बातचीत करने की शैली व उनसे निपटने के गुण सिखाये जायेंगे. किन बाउंसर को किस दिन कहां ड्यूटी पर भेजा गया है, यह सभी जानकारियों का रिकार्ड हमेशा एजेंसी के मालिक को रखना होगा.
गौरतलब है कि महानगर में मौजूदा समय में 215 सिक्योरिटी एजेंसी काम कर रहे है. लाल बाजार में हुई बैठक के बाद सभी विभागीय डीसी की तरफ से सुरक्षा एजेसियों तक आयुक्त का यह निर्देश पहुंचा दिया गया है.