कोलकाता: कांग्रेस भले ही राष्ट्रीय पार्टी है, लेकिन उसमें नेतृत्व की कमी है. इसका खामियाजा उसे विगत चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ा. ये बातें शुक्रवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहीं.
जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी
अमर्त्य सेन ने कहा कि पार्टी जनता की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सकती. लोगों ने कांग्रेस से जो अपेक्षा की थी, वह पूरी नहीं हुई. देश में कांग्रेस के लिए नापसंदी का माहौल है, इसलिए पार्टी विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी.
वादे कर नहीं जीत सकते चुनाव
उन्होंने यहां एक स्थानीय टीवी चैनल से कहा : कहा जा सकता है कि पार्टी में नेतृत्व की कमी है, क्योंकि नेता का अभी तक निर्णय नहीं हुआ है. उन्होंने कहा : अच्छे नेतृत्व के लिए उन्हें जनता को बताना होगा कि नेता कौन है, उनकी क्या राय है. नेता को जनता के सामने पेश किये बिना राजनीतिक लड़ाई संभव नहीं है. हाल ही में जब श्री सेन से पूछा गया था कि क्या प्रधानमंत्री पद के कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी के नाम की घोषणा की जानी चाहिए, तो उन्होंने जवाब दिया था : उन्हें एक रणनीति रखनी होगी. उन्होंने कहा था : चुनाव वायदों पर नहीं जीते जाते.
भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा सकी कांग्रेस
अमर्त्य सेन ने कहा कि कांग्रेस में कौन नेता है और किसे क्या बयान देना है, यह भी तय नहीं है. कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार व महंगाई काफी बढ़ी है और इसे नियंत्रित करने के लिए पार्टी ने कुछ नहीं किया.