कोलकाता: विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक व पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को हिंदुत्व विरोध बताया है. उन्होंने शनिवार को कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सोनिया जी सब से भारत आयी हैं, वह हमारी धार्मिक व सांस्कृतिक आस्थाओं को कुचल रही हैं. हमारा समाज आचार्य, साधु, संत, महात्मा को भगवान के समान मानता है, लेकिन एक दशक से भी अधिक समय से कांग्रेस व यूपीए की सरकार ने यहां के धर्म, संस्कृति के विरुद्ध कदम उठकर, संतों को अपमानित व झूठे आरोपों में फंसा गिरफ्तार कर हिंदुत्व को खत्म करना चाहती है.
कांग्रेस अध्यक्ष के इशारे पर शंकराचार्य हुए थे गिरफ्तार श्री सिंघल ने कहा कि बीते 27 नवंबर को कांची के जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती महाराज को हत्या के आरोप से न्यायालय ने मुक्त कर दिया. इससे स्पष्ट हो गया कि वर्ष 2004 की दीपावली की रात के अंधेरे में आंध्र प्रदेश के महबूबनगर में मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी द्वारा शंकराचार्य महाराज को षड़यंत्र के आधार पर गिरफ्तार किया गया. यह गिरफ्तारी सोनिया गांधी के संकेत पर भारत के हिंदू समाज के सर्वश्रेष्ठ महात्मा को अपमानित करने के लिए की गयी. अब स्वामीजी के बेदाग छूट जाने के बाद अब यह संगठन पूर्ण रूप से उजागर हो गया है. यह एक ईसाई षड़यंत्र है. इतना ही नहीं प्रज्ञा भारती, असीमानंद और अब आसाराम बापू को भी गिरफ्तार कर उन्हें एक षड़यंत्र के तहत फंसाया गया. जब भी कोई संत हिन्दुत्व अथवा हमारी संस्कृति की रक्षा के लिए सरकार अथवा सोनिया गांधी के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे झूठे आरोप में फंसा गिरफ्तार कर लिया जाता है.
ओपस डाई से संबंध होने का लगाया आरोप
श्री सिंघल ने कहा कि विश्व में धर्मातरण के लिए ईसाई धर्म के कुछ धर्मगुरुओं द्वारा ओपस डाई नामक खुफिया संगठन चलाया जा रहा है. यह आइएसआइ या अन्य आतंकी संगठनों से भी अधिक खतरनाक है. हिंदू संतों को बदनाम करने में इसका बहुत बड़ा हाथ है. भारत में भी ओपस डाई के नुमाइंदे सक्रिय हैं. उन्होंने आरोप कहा कि सोनिया गांधी वेटिकन की होने के कारण वह भारत में ईसाई धर्म को बढ़ावा देकर हिंदुत्व को कुचलने की साजिश में लगी हुई हैं. सोनिया गांधी के पास सबसे अधिक काला धन है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के साथ मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसे नेता सेकुलरवाद के नाम पर हिंदू संस्कृति व मान्यताओं को नीचा दिखा में लगे हैं.
स्वधर्म व स्वसंस्कृति के नाम हो आनेवाला वर्ष
अशोक सिंघल ने कहा कि इससे पहले हम भारतीय स्वाधीनता संग्राम में स्वराज्य की लड़ाई लड़ चुके हैं. अब 2014 लोकसभा का चुनाव हमारे स्वाधीनता की नहीं, हमारे धर्म व रक्षा की लड़ाई है. ऐसे में इस चुनाव में हमे स्वधर्म व स्वसंस्कृति की लड़ाई के रूप में ऐसे व्यक्ति अथवा राजनीतिक दल को लाने की आवश्यकता है, जो हिंदुत्व का रक्षक हो. इस चुनाव को हमें हिन्दुत्व के रक्षा की लड़ाई के रूप में मिल कर वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकना होगा. संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल प्रदेश विश्व हिंदू परिषद के नंदलाल लोहिया, शिव गोपाल झुनझुनवाला, विमल लाठ आदि उपस्थित थे.