कोलकाता: देश के खतरनाक अपराधियों जैसे आतंकवादी व माओवादियों को अब कोर्ट में पेश नहीं किया जायेगा. अब उनकी मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी. इसके लिए जेल के अंदर ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए विशेष व्यवस्था की जायेगी और इसके जरिये ही हाई प्रोफाइल कैदियों के मामलों की सुनवाई होगी.
जेल व कानून विभाग ने पेश की रिपोर्ट
राज्य के जेल व कानून विभाग की ओर से गृह सचिव को ऐसी ही रिपोर्ट पेश की गयी है और गृह सचिव ने भी इसे लागू करने की इच्छा जाहिर की है. गौरतलब है कि इस संबंध में जेल व कानून विभाग ने मिल कर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है, हालांकि इस रिपोर्ट को एनआइसी के पास भी स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा.
कोर्ट तक पहुंचाना कड़ी चुनौती
दोनों विभागों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हाइ प्रोफाइल अपराधियों को प्रत्येक सुनवाई में जेल से अदालत लाना व वापस जेल पहुंचाना, किसी चुनौती से कम नहीं है. हमेशा ही हमले की आशंका रहती है. ऐसा नहीं है कि जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई पहले नहीं हुई है. इससे पहले अमेरिकन सेंटर पर हमला करनेवाले आफताब अंसारी को भी सुरक्षा कारणों की वजह से तीस हजारी जेल के अंदर से ही वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही उसके मामले की सुनवाई हुई थी.
जेल में हो सुविधाओं का विकास
राज्य के जेल विभाग के आइजी रणवीर कुमार ने बताया कि जेल में इस प्रकार की सुविधाओं का विकास किया जा सकता है. इससे जेल के अंदर से सुनवाई होने से सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं होगी. साथ ही कैदियों को कोर्ट तक पहुंचाने व वापस लाने का खर्च भी नहीं होगा. उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या तब होती थी, जब किसी कैदी को अन्य राज्य में भेजना होता है. इस प्रक्रिया में लाखों खर्च हो जाते हैं, इसलिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की सेवा शुरू होने से मामले की सुनवाई के लिए कैदियों को जेल से बाहर नहीं निकालना पड़ेगा.