कोलकाता : महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों ने दुर्गा पूजा के आयोजकों को इस बार पंडालों में महिला सशक्तीकरण की अवधारणा का प्रस्तुतीकरण करने के लिए प्रेरित किया है. पंडालों में बलात्कारियों को ‘महिषासुर’ के रुप में पेश किया जा रहा है. ‘महिषासुर’ नामक राक्षस का देवी द्वारा संहार किया जाता है.
आयोजकों ने कहा, ‘‘हम दिखाना चाहते हैं कि पौराणिक युग की बुरी शक्तियां या राक्षस आज की महिलाओं को तकलीफ देने के लिए बलात्कारियों के रुप में लौटकर आए हैं. ये पुरुष आज के महिषासुर हैं.’’ सॉल्ट लेक इलाके में सामुदायिक पूजा के आयोजकों ने देवी दुर्गा के 11 विभिन्न स्वरुप बनाए हैं, जिनमें से 10 स्वरुपों में वह बलात्कारियों के रुप में दिखाए गए उन राक्षसों का संहार कर रही हैं, जो महिलाओं की अस्मिता से खिलवाड़ कर रहे हैं.
एफडी ब्लॉक पूजा समिति के अध्यक्ष प्रदीप सेनगुप्ता ने बताया, ‘‘हमारी थीम विश्व में हर जगह से बलात्कारियों को समाप्त करने पर आधारित है. मां दुर्गा को बुरी शक्तियों के विनाश के लिए जाना जाता है और आज बलात्कारी उन सबसे बड़ी बुराईयों में से एक हैं जो कि हमारे समाज को कष्ट पहुंचा रहे हैं.’’