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एक सितंबर से पांच महीने के लिए बंद रहेगा भारतीय संग्रहालय

कोलकाता: भारतीय संग्रहालय यानी अजायबघर एक सितंबर से अगले पांच महीने तक मरम्मत कार्य के लिए बंद रहेगा. चौरंगी रोड स्थित देश के इस सबसे बड़े संग्रहालय की बड़े स्तर पर मरम्मत और कलाकृतियों के रखरखाव का काम अगले साल फरवरी तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. फरवरी महीने में ही इसे आम पर्यटकों […]

कोलकाता: भारतीय संग्रहालय यानी अजायबघर एक सितंबर से अगले पांच महीने तक मरम्मत कार्य के लिए बंद रहेगा. चौरंगी रोड स्थित देश के इस सबसे बड़े संग्रहालय की बड़े स्तर पर मरम्मत और कलाकृतियों के रखरखाव का काम अगले साल फरवरी तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. फरवरी महीने में ही इसे आम पर्यटकों के लिए फिर खोल दिया जायेगा.

रोजाना हजारों पर्यटक आते हैं
गौरतलब है कि यहां रोजाना हजारों दर्शक पहुंचते है. कोलकाता में भारतीय संग्रहालय (जिसे जादूघर के नाम से भी जाना जाता है) सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार होता है. इस ऐतिहासिक इमारत में 26 आर्ट गैलरियां हैं, जिनमें तीन ही फिलहाल दर्शकों के लिए खुली रहती हैं. फरवरी में ये तीन गैलरियां तो खुलेंगी हीं, अगले वर्ष दिसंबर तक सभी आर्ट गलरियों को खोल देने की योजना है.

कितना खर्च होगा
इस ऐतिहासिक इमारत की मरम्मत पर लगभग सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे. संस्कृति मंत्रालय ने इसके लिए फंड भी मंजूर कर लिया है. संग्रहालय के वरिष्ठ अधिकारी व परियोजना के प्रबंधक वासुदेव दासगुप्ता का कहना है कि इस विरासती इमारत की मरम्मत के लिए फंड का कोई अभाव नहीं है.

कितनी सुरक्षित रहेंगी संग्रहालय की दुर्लभ कलाकृतियां
मरम्मत के दौरान संग्रहालय की दुर्लभ सामग्रियों को सुरक्षित रखने के लिए सभी इंतजाम किये जा रहे हैं. दासगुप्ता ने बताया कि सामग्रियों को नौ स्टोर रूम में स्थानांतरित किया जा रहा है. काम करने वाले सभी लोगों के गले में सचित्र परिचय पत्र लटका रहेगा. ठेकेदार संस्था के प्रतिनिधियों की शिनाख्त के बाद ही कोई भीतर प्रवेश कर सकता है. मरम्मत के दौरान कोई भी व्यक्ति बैग लेकर प्रवेश नहीं कर सकता.

दोबारा कब खुलेगा संग्रहालय
अगले वर्ष फरवरी में लॉन्ग आर्कियोलॉजी, टेक्सटाइल व डेकोरेटिव आर्ट तथा पैलियो -आंथ्रोपॉलोजी की गैलरियों को खोल दिया जायेगा. बाकी गैलरियों को अगले वर्ष दिसंबर तक खोल देने की योजना है.

कितनी पुरानी है इमारत
जवाहरलाल नेहरू रोड (पूर्व का चौरंगी रोड) स्थित यह इमारत 140 वर्ष पुरानी है. हालांकि 1814 यानी करीब दो सौ वर्ष पहले एशियाटिक सोसाइटी के भवन में भारतीय संग्रहालय की शुरुआत हुई थी. 1875 में मौजूदा भवन में संग्रहालय स्थानांतरित हुआ था.

क्या होगा नया
बड़े स्तर पर इमारत की मरम्मत का काम शुरू किया गया है. पहले यहां पर्यटकों के लिए शौचालय और जल की व्यवस्था नहीं थी. लेकिन यहां आने वालों की सुविधा का ख्याल रखते हुए शौचालय का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होगी. कैफेटेरिया, विजीटर ऐरिया,रेस्ट रूम और स्विंग कॉर्नर जैसी नयी सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं. इस पुरानी इमारत के विरासत को ध्यान में रखते हुए यहां राजस्थान से मंगाये गये बालुई पत्थर बिछाये जा रहे हैं. मुख्य तीन गैलरियों को फिर से संजोया जा रहा है.

दरअसल, करीब 140 वर्ष पुरानी यह इमारत चूना और सुरकी के मिश्रण से बनी है. इसमें लोहे के रॉड और कंक्रीट का अभाव है. लिहाजा प्राचीन मिश्रण भी बनाया जा रहा है. नये सिरे से सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. 24 घंटे निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी होगा. 22 सूचना केंद्र या इनफॉर्मेशन कियोस्क बनाये जायेंगे.

एक नजर में भारतीय संग्रहालय

1814 में एशियाटिक सोसाइटी के भवन से शुरुआत

1875 में जवाहर लाल नेहरू रोड स्थित वर्तमान भवन से इसकी यात्र शुरू

गैलरियों की कुल संख्या 26

औसतन रोजाना 2200 पर्यटक पहुंचते हैं

टिकट का मूल्य 10 रुपये

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