कोलकाता: पुलिसवाला बनकर दक्षिण कोलकाता से एक व्यक्ति का अपहरण कर उसे मध्य कोलकाता के एक गेस्ट हाउस में लाकर रखने के मामले में पुलिस ने तीन नकली पुलिस वाले को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम सौगत घोष (31), सनातन हाल्दार (30) और सौरभ दे (23) बताये गये है. तीनों बजबज और बर्दवान जिले के रहने वाले है. इनके पास से अपहृत क्लर्क मनीष विश्वास (31) को सुरक्षित रिहा कराया गया. अपहृत व्यक्ति हुगली के उत्तरपाड़ा जिले के दुर्गाबाड़ी रोड स्थित सुभाष नगर का रहने वाला है और एक वकील के यहां क्लर्क था. रविवार को वह किसी काम के लिए हुगली से महानगर के सर्वे पार्क इलाके के हाइलेन पार्क में आया था. बैंकशाल कोर्ट में पेश करने पर तीनों आरोपियों को अदालत ने 17 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.
क्या था मामला
पूछताछ में गिरफ्तार युवकों ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने किडनी की आवश्यकता होने के बारे में एक विज्ञापन दी थी. इसे देख कर उन तीनों ने विज्ञापन देने वाले उस व्यक्ति से संपर्क किया. इस दौरान उसका अपहरण करने के इरादे से उससे मिलने की बात कहीं. जिसमें विज्ञापन देने वाले व्यक्ति ने तीनों को सव्रे पार्क इलाके के हाइलैंड पार्क के निकट मिलने के लिए बुलाया. विज्ञापन देने वाले व्यक्ति ने उसकी पहचान के लिए उन्हें बताया कि वहां एक निर्दिष्ट स्थान पर पहुंचकर उसे फोन करे. उसके फोन की घंटी सुनकर जो व्यक्ति फोन उठाएगा वहीं उसकी पहचान होगी. जिसे देख कर तीनों उनसे आकर मिल लेंगे.
किडनी के सौदागर समझकर अपहरण की रची थी साजिश
तीनों ने बताया कि कुछ इस तरह का गिरोह बाजार में काम कर रहा है जो किडनी की जरूरत के नाम पर लोगों से किडनी लेकर उसे ऊंची कीमत में बेच देते हैं. इस विज्ञापन को पढ़ कर कुछ इसी तरह का अनुमान लगा कर वे तीनों उस व्यक्ति का अपहरण कर उससे ऊंची कीमत वसूलने की साजिश रची थी. जिसके पास से लाखों रुपये वसूला जा सके.
गलत व्यक्ति का कर लिया अपहरणउन्होंने बताया कि रविवार को तय समय पर तीनों हाइलैंट पार्क के निकट एक मॉल के पास पहुंचे और विज्ञापन देने वाले व्यक्ति को फोन किया. दुर्भाग्यवस उस समय उनके रिंग करने के समय उनके पास खड़े एक अन्य व्यक्ति के मोबाइल पर रिंग हुआ और उसने फोन उठाया. इसे देख तीनों ने विज्ञापन देने वाला व्यक्ति समझ कर मनीष विश्वास के पास पहुंचे और खुद को पुलिसकर्मी बता कर अपहरण कर लिया. उसे टैक्सी में बिठा कर धर्मल्ला के बीबी गांगुली स्ट्रीट स्थित मुखर्जी गेस्ट हाउस में ले आये. यहां दूसरे व्यक्ति का अपहरण कर लिए जाने की बात जानकर तीनों ने रिहाई के लिए उससे 30 हजार रुपये की मांग की. इधर तीनों के नकली पुलिस वाले होने का संदेह होते ही उसने अपने वकील को फोन किया और गेस्ट हाउस में कैद रहने की बात कहीं. पूरी जानकारी लेने के बाद मनीष के वकील ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद मोचीपाड़ा थाने के अधिकारियों ने वहां छापेमारी की और तीनों को गिरफ्तार कर लिया.
क्या कहती है पुलिस
डीसी (सेंट्रल कोलकाता) देवेंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि तीनों के पास से अपहृत क्लर्क को सुरक्षित रिहा करा लिया गया है. इसकी जानकारी मनीष के घरावलों को भी दे दी गयी है. अपहरण की लिखित शिकायत मनीष द्वारा करने के बाद तीनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया. तीनों इसके पहले भी इस तरह के कितने वारदात को अंजाम दिये हैं इस बारे में उनसे पुलिस की पूछताछ जारी है.