आसनसोल : आसनसोल जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त कंपोनेंट (अवयव) मशीन शीघ्र आ जायेगी. स्वास्थ्य विभाग कार्यालय ने इसकी मंजूरी दे दी है. मशीन रहने से रक्त का अभाव काफी कम हो जायेगा. यह जानकारी बर्नपुर सोशल वेलफेयर कमेटी वोलेंटरी ब्लड डोनर्स के संस्थापक सह रक्तदान आंदोलन के प्रणोता प्रवीर धर ने दी. उन्होंने कहा कि मशीन फिलहाल कोलकाता के विभिन्न अस्पतालों और बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में है. इस मशीन की मदद से रक्त के तीन अवयव अअलग-अलग किये जा सकेंगे. इस तरह एक यूनिट रक्त से तीन यूनिट रक्त उपलब्ध हो जायेगा.
श्री धर ने बताया कि रक्त में चार अवयव यथा- प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं व प्लेटलेट्स होते है, लेकिन उक्त मशीन से तीन अवयव प्लाज्मा, प्लेटलेट्स व पैकसेल (लाल व सफेद कोशिकाओं) को अलग-अलग किया जा सकेगा. इसमें आधुनिक चिकित्सा उपचार में मरीजों को पूरे रक्त में से उनके विशेष हालत का इलाज करने के लिए आवश्यक रक्त की केवल विशिष्ट अवयवों का एक प्रिंट दिया जा सकेगा. उस रक्त के दो अवयवों का उपयोग अन्य मरीजों के लिए हो सकेगा.
उन्होंने बताया कि प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स रक्त के तरल अवयव हैं. प्लाज्मा में प्रमुख प्रोटीन एल्बुमिन है. प्लाज्मा में अन्य प्रोटीन एंटीबॉडी शामिल हैं. लाल रक्त कोशिकाओं को रक्त की मात्र में 40 प्रतिशत भागीदारी है. लाल रक्त कोशिकाओं में होमोग्लोबिन, ब्लड अपनी लाल रंग देता है और फेफड़ों से ऑक्सीजन ले जाने के लिए और सभी शरीर के ऊतकों को इसे वितरित करने के लिए सक्षम बनाता है. सफेद रक्त कोशिकाएं लाल रक्त कोशिकाओं के अनुपात में कम होती हैं. सफेद रक्त कोशिकाओं को मुख्य रूप से संक्रमण के खिलाफ शरीर की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं. प्लेटलेट्स लाल या सफेद रक्त कोशिकाओं की तुलना में छोटे होते हैं. प्लेटलेट्स हर 20 लाल रक्त कोशिकाओं की तुलना में कम होता हैं. प्लेटलेट्स रक्त वाहिनियों की मुहर मदद करता है.