कोलकाता. सारधा घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने सोमवार को कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर फिर हमला बोला है. कुणाल ने राज्य सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया. कुणाल का कहना था कि एक तरफ ममता बनर्जी के निर्देश पर पुलिस उन पर बल प्रयोग कर जुबान खोलने से रोक रही है, वहीं दूसरी तरफ परिवहन मंत्री मदन मित्र सीबीआइ दफ्तर व कोर्ट के बाहर आसानी से पुलिस के सामने पत्रकारों से बात करते हैं.
एक तरफ मुख्यमंत्री उनकी (कुणाल घोष) जुबान बंद कर अपने खिलाफ एक भी आरोप लोगों के बीच नहीं लाने देने की कोशिश में हैं, दूसरी तरफ प्रेस मीट करवा कर मंत्री से अपना गुणगान करवा रही हैं. गिरफ्तार मंत्री को मुंह खोलने से रोकने के लिए उनकी पुलिस सक्रिय क्यों नहीं दिख रही है.
अदालत सूत्रों के मुताबिक पार्क स्ट्रीट थाने में चैनल 10 के कर्मियों ने कुणाल घोष व सुदीप्त सेन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवायी थी. इसी मामले में सोमवार को कुणाल घोष को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया था. इस दिन भी अदालत में संवाददाताओं के सामने कुणाल को बोलने नहीं दिया गया. सुनवाई के दौरान नौ नंबर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट शांतनु घोष के सामने कुणाल के वकील अयन चक्रवर्ती ने कुणाल द्वारा अपने बयान को पेश करने की इजाजत मांगी. न्यायाधीश ने कुणाल को बात रखने की इजाजत दी. जिसके बाद कुणाल की पूरी बात सुनने के बाद न्यायाधीश ने पुलिस को निर्देश दिया कि आरोपी (कुणाल) को अदालत में लाते समय बल प्रयोग नहीं किया जाये. वहीं दूसरी तरफ कुणाल को भी अदालत आते समय जहां-तहां नहीं बैठने को भी कहा. अदालत परिसर में कुणाल की पेशी और जेल ले जाये जाने के घटनाक्रम की वीडियोग्राफी करवायी गयी. दो मार्च को फिर होगी सुनवाई.