मालदा: जिला पुलिस व प्रशासन ने बांग्लादेश की आठ नाबालिग लड़कियों को स्वदेश पहुंचाने की व्यवस्था की. बीते साढ़े तीन सालों से 12 से 16 वर्षीय ये नाबालिग लड़कियां मालदा के महिला सरकारी होम में रह रही थी.
कोई रिश्तेदार तो कोई दलाल के जाल में फंस कर बांग्लादेश से भारत तस्करी के लिए लायी जा रही थे.उसी वक्त बीएसएफ व पुलिस के हाथों ये लोग पकड़े गये. जूवेनाइल कोर्ट के माध्यम से इन नाबालिग लड़कियों को सरकारी आवास में रखने की व्यवस्था प्रशासन ने की थी.
बाद में इनके रिश्तेदारों से संपर्क कर इन्हें बांग्लादेश सरकार के हाथों सौंपने का निर्णय लिया गया. आज मालिदा जिला पुलिस व प्रशासन ने मालदा के इंग्लिशबाजार थाना क्षेत्र के महदीपुर स्थित भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक सीमा से इन आठ नाबालिग लड़कियों को बीजीबी के हाथों सौंप दिया. इस दौरान महदीपुर सीमा पर समाज कल्याण दफ्तर, वेस्ट बंगाल टास्क फोर्स व डिस्ट्रीक चाइल्ड सोसायटी एवं इंग्लिशबाजार थाना के पुलिस अधिकारी मौजूद थे.
नाबालिग लड़कियां बांग्लादेश के चापाइनबाबगंज, राजशाही समेत विभिन्न इलाकों की रहनेवाली है. बांग्लादेशी नाबालिगा साथी खातुन, सुमिता हलदर ने बताया कि तीन साल पहले वह अपने रिश्तेदार के साथ भारत घुमने आयी थी. पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और सरकारी होम में भेज दिया. जिला प्रशासन का कहना है कि ज्यादातर लड़कियां अनाथ है. रिश्तेदार इन्हें तस्करी के मकसद से अवैध रूप से भारत ले आये थे. पुलिस ने तस्करी के पहले ही इन्हें पकड़ लिया. जिससे ये लड़कियां तस्करी का शिकार होने से बच गयी.