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जेआइएस विवि विधेयक पारित
विधानसभा : वामो ने किया वॉकआउट, एसयूसीआइ ने किया विरोध कोलकाता : विधानसभा में गुरुवार को जेआइएस विश्वविद्यालय विधेयक, 2014 ध्वनिमत से पारित हो गया. हालांकि निजी विश्वविद्यालय के संबंध में सात सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट पेश नहीं किये जाने के खिलाफ वाम मोरचा ने विधानसभा की कार्यवाही का वाकआउट किया, जबकि एसयूसीआइ ने इस […]
विधानसभा : वामो ने किया वॉकआउट, एसयूसीआइ ने किया विरोध
कोलकाता : विधानसभा में गुरुवार को जेआइएस विश्वविद्यालय विधेयक, 2014 ध्वनिमत से पारित हो गया. हालांकि निजी विश्वविद्यालय के संबंध में सात सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट पेश नहीं किये जाने के खिलाफ वाम मोरचा ने विधानसभा की कार्यवाही का वाकआउट किया, जबकि एसयूसीआइ ने इस विधेयक का विरोध किया.
विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय उत्तर 24 परगना के आगरपाड़ा में होगा. वहां पहले से ही जेआइएस के पास मूलभूत सुविधाएं व वित्तीय संसाधन भी हैं. इसमें विज्ञान, तकनीकी, कानून, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान, मेडिसिन, ह्यूमैनिटी, परफॉर्मिग आर्ट तथा अन्य विषयों की पढ़ाई होगी. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के प्रस्ताव की जांच वेस्ट बंगाल स्टेट काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में गठित सात सदस्यीय कमेटी द्वारा की गयी. उन्होंने बताया कि 2011 तक बंगाल में ग्रास इनरॉलमेंट अनुपात 12.8 फीसदी था, जो बढ़ कर 18 फीसदी के आसपास हो गया है. केंद्र सरकार ने 2020 तक इसे 30 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए 4.5 लाख सीटों को बढ़ाने की जरूरत है.
यह केवल सरकार के बल पर नहीं हो सकता है, बल्कि इसके लिए निजी सहायता की भी जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि वह केवल सीटें बढ़ाने पर जोर नहीं दे रहे हैं, बल्कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन लोगों लक्ष्य है कि राज्य से छात्रों का अन्य राज्यों में पलायन नहीं हो तथा शिक्षा का मानंदड अच्छा हो.
विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र के नेतृत्व में वाम मोरचा के विधायकों ने विधेयक पेश किये जाने के खिलाफ वाकआउट किया. डॉ मिश्र ने कहा कि राज्य सरकार ने सात सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट नहीं पेश की है, जबकि एसयूसीआइ के विधायक डॉ तरुण नस्कर ने कहा कि वे लोग सैद्धांतिक रूप से निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ हैं. इस तरह के विश्वविद्यालय की अनुमति देकर शिक्षा के व्यवसायिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. कांग्रेस के मुख्य सचेतक असित मित्र ने मोरचा द्वारा वाकआउट करने को हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि इसके पहले भी राज्य सरकार दो निजी विश्वविद्यालय विधेयक पेश कर चुकी है, लेकिन वाम मोरचा ने उनमें भाग लिया था, लेकिन आज क्यों वाकआउट किया. उन्होंने दावा किया कि राज्य में निजी विश्वविद्यालय की नींव वाम मोरचा के शासनकाल में ही डाली गयी थी.
राज्य में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले
बीरभूम मामले पर नहीं मिली अपनी बात रखने की इजाजत
कोलकाता : राज्य विधानसभा में एक मात्र भाजपा विधायक शमिक भट्टाचार्य ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राज्य में अल्पसंख्यक और गरीबों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन सरकार कोई भी कदम उठाने से बच रही है. श्री भट्टाचार्य ने सदन से वाकआउट करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि अल्पसंख्यकों, गरीब किसानों व गरीबों पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा हमले किये जा रहे हैं. बीरभूम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार थाना प्रभारियों को बदल रही है, लेकिन जरूरी कदम नहीं उठा रही है. बीरभूम जिले के पारुई में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा के दौरे के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में चार लोग घायल हो गये थे. भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि बीरभूम जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत चिंताजनक है और भाजपा के अल्पसंख्यक समर्थकों पर तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा हमले किये जा रहे हैं. उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.
भाजपा विधायक शमिक भट्टाचार्य ने सदन से वाकआउट कर दिया क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने उन्हें बीरभूम जिले में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बात रखने की अनुमति नहीं दी थी. श्री भट्टाचार्य के साथ कांग्रेस के असित मित्र और माकपा के अनिसुर रहमान समेत पांच विधायकों ने इस मुद्दे को उठाने की मांग की थी लेकिन श्री बनर्जी ने कहा कि इस संबंध में पहले ही अविश्वास प्रस्ताव को अनुमति दी जा चुकी है, इसलिए चर्चा के दिन इस विषय पर भी पक्ष रखा जा सकता है.
इसके बाद भाजपा विधायक श्री भट्टाचार्य तुरंत अपनी सीट से खड़े हो गये और आसन के समीप आकर यह जानने की मांग करने लगे कि उन्हें मुद्दा उठाने की इजाजत क्यों नहीं दी जानी चाहिए. बाद में उन्होंने सदन से पूरे दिन के लिए वाकआउट कर दिया. इस मुद्दे को उठाने की मांग कर रहे अन्य विधायकों ने वाकआउट में उनका साथ नहीं दिया.
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