बर्दवान: बर्दवान विस्फोट में मारे गये संदिग्ध आतंकी अब्दुल करीम का शव बुधवार को एनआइए अधिकारियों और स्थानीय पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उसके परिवारवालों को सौंप दिया गया.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि शव को बर्दवान मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर में रखा गया था. पहचान के बाद यह शव करीम के पिता और उसके चचेरे भाई अमीरउल हुसैन को सौंप दिया गया.
हुसैन ने अस्पताल में मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्होंने अखबारों में छपी तसवीरों के जरिये यह पहचान की थी कि विस्फोट का आरोपी करीम ही है. हुसैन ने कहा कि करीम ने पड़ोसी बीरभूम जिले के किन्नाहर स्थित कफीरपुर गांव में अपना घर खागड़ागढ में दो अक्तूबर को हुए विस्फोट से लगभग ढ़ाई महीने पहले छोड़ दिया था. घर छोड़ने के बाद वह केरल चला गया था. उसने जाने के बाद अपने परिवार से कोई संबंध नहीं रखा. हुसैन ने कहा कि शव को कफीरपुर में ले जाया जायेगा और वहां अंतिम संस्कार किया जायेगा. चार सदस्यीय एनआइए टीम के अलावा बर्दवान पुलिस चौकी के प्रभारी निरीक्षक अब्दुल गफ्फार और उपनिरीक्षक और जांच अधिकारी आकाश मुंशी भी शव सौंपे जाने के दौरान मौजूद थे.
पुलिस ने कहा कि विस्फोट में मारे गये एक अन्य आरोपी शकील गाजी उर्फ शकील अहमद के शव की पहचान होनी अभी बाकी है. ऐसा संदेह है कि इन दोनों के ही संबंध जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश नामक प्रतिबंधित आतंकी समूह से थे.