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ममता राज में पहली बार असरदार बंद

सिलीगुड़ी: वर्ष 2011 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सिलीगुड़ी में पहली बार किसी बंद का व्यापक असर देखा गया. सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंद को विफल करने के लिए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ही सरकारी अमले को भी लगा दिया है. यही कारण है कि सत्ता […]

सिलीगुड़ी: वर्ष 2011 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सिलीगुड़ी में पहली बार किसी बंद का व्यापक असर देखा गया. सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंद को विफल करने के लिए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ही सरकारी अमले को भी लगा दिया है.

यही कारण है कि सत्ता परिवर्तन के बाद सिलीगुड़ी में बंद का कोइ खास असर नहीं पड़ता था.लेकिन इस बार ममता बनर्जी ऐसा नहीं कर सकीं.

चाय बागान मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने तथा नया मजदूरी समझौता शीघ्र लागू करने की मांग में बुधवार को 12 घंटे बंद का सिलीगुड़ी में भारी असर रहा. मंगलवार से ही उत्तर बंगाल के 5 जिलों में 48 घंटे के चाय उद्योग के साथ ही बुधवार को पांचों जिले में चाय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच ने आम हड़ताल की भी घोषणा की थी. बुधवार को दाजिर्लिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार जिला के साथ-साथ कूचबिहार के मेखलीगंज तथा उत्तर दिनाजपुर जिले के इसलामपुर महकमा में सुबह से ही शहर की दुकानें बंद थीं. कई स्कूल भी बंद थे, जबकि कुछ स्कूलों में पढ़ाई हुई. राज्य सरकार के अधिकांश कार्यालय खुले हुए थे, लेकिन इसमें कर्मचारियों की उपस्थिति कम थी.

केंद्र सरकार के सभी कार्यालय बंद थे. इस बंद का असर वाहनों की आवाजाही पर भी पड़ा. गैर सरकारी वाहन सड़क से नदारद थे. जबकि सरकारी वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से हुई. दूसरी तरफ चाय बागानों में दूसरे दिन भी बंद जोरदार रहा. किसी भी चाय बागान में चाय श्रमिक काम पर नहीं आये. जलपाईगुड़ी शहर संलग्न राष्ट्रीय राजमार्ग 31 डी पर चाय बागान के सैकड़ों श्रमिकों ने पथ अवरोध किया, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से पथ अवरोध को समाप्त करा दिया गया. यहां उल्लेखनीय है कि 31 मार्च को ही उत्तर बंगाल के चाय श्रमिकों की वेतन का समझौते की मियाद खत्म हो गयी है.

उसके बाद एक अप्रैल से चाय श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने तथा नया समझौता लागू करने की मांग को लेकर राज्य सरकार, चाय बागान मालिकों तथा श्रमिक संगठनों के बीच छह दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है. इस बीच सिलीगुड़ी में बंद को लेकर दिन भर बवाल का दौर चलता रहा.

हर ओर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये थे. सिलीगुड़ी में माकपा नेता तथा पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य सहित 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.यह सभी बंद के समर्थन में जुलूस निकाल रहे थे. पूरे उत्तर बंगाल में कुल 109 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है.अशोक भट्टाचार्य तथा संयुक्त फोरम के अन्य नेता अपने समर्थकों के साथ हिलकार्ट रोड पर धरने पर बैठ गये.इस बीच बंद को विफल करने के लिए तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा मंत्री गौतम देव भी अपने समर्थकों के साथ जुलूस लेकर सड़क पर उतरे. हिलकार्ट रोड पर दोनों पक्षों के बीच किसी प्रकार की संघर्ष की घटना ना घटे इसके लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.

बाद में अशोक भट्टाचार्य के साथ ही जीवेश सरकार, नक्सल नेता अभिजीत मजूमदार,संयुक्त फोरम के नेता वासुदेव बसु,विजय नाथ आदि को गिरफ्तार कर लिया गया. इधर संयुक्त फोरम के नेता जियाउर रहमान ने बंद को पूरी तरह से सफल बताया है.उन्होनें कहा कि मंत्री गौतम देव तथा पुलिस ने बंद को विफल कराने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके.

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