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अर्थव्यवस्था पर चोट की साजिश

मालदा: मालदा जिले में नकली नोटों की बरामदगी का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है. मंगलवार देर रात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) व पुलिस ने साझा अभियान चला कर बैष्णवनगर थाना क्षेत्र के टाउनशिप मोड़ से 10 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ हबीबुर रहमान (26) और नसीरुद्दीन शेख (19) को गिरफ्तार किया. […]

मालदा: मालदा जिले में नकली नोटों की बरामदगी का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है. मंगलवार देर रात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) व पुलिस ने साझा अभियान चला कर बैष्णवनगर थाना क्षेत्र के टाउनशिप मोड़ से 10 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ हबीबुर रहमान (26) और नसीरुद्दीन शेख (19) को गिरफ्तार किया. नसीरुद्दीन एक स्थानीय हाई मदरसा में 9 वीं का छात्र है. बुधवार को दोनों को मालदा अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी मालदा टाउनशिप मोड़ पर नकली नोट से भरे बैग लेकर खड़े थे. वे किसी व्यक्ति को ये नकली नोट देने वाले थे. पिछले एक महीने में मालदा जिले में 46 लाख 28 हजार रुपये के नकली नोट जब्त किये गये हैं. इतनी बड़ी संख्या में नकली नोट बार-बार बरामद होने की घटनाओं ने जिला पुलिस व प्रशासन को चिंता में डाल दिया है. नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) का कहना है कि आतंकी संगठन व नकली नोट के कारोबारियों की मिलीभगत के कारण जाली नोटों की तस्करी की घटना बढ़ रही है. राज्य पुलिस व खुफिया विभाग के एक सूत्र के अनुसार, नकली नोटों के कारोबार के सरगना को पकड़ने के लिए एनआइए प्रयासरत है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में तैनात बीएसएफ अधिकारियों को भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों में कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है. साथ ही एनआइए अधिकारी पुलिस के हाथों पकड़े जा रहे तस्करों के बारे में गहन जानकारी लेने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि नकली नोटों के जरिये भारत की अर्थ व्यवस्था को तोड़ने के लिए आतंकी संगठन साजिश रच रहे हैं.

धंधेबाज गरीब परिवारों को देते हैं लालच

गरीब परिवार के बच्चों को मोटी रकम का लालच दिखा कर नकली नोटों के कारोबारी उन्हें इस काम में शामिल कर रहे हैं. हालांकि पुलिस व खुफिया विभाग के अधिकारी को साफ पता चल गया है कि नकली नोट बांग्लादेश से आ रहे हैं. सीमावर्ती इलाकों में पहरेदारी बढ़ा दिये जाने के कारण एक के बाद एक नकली नोट तस्कर पकड़े जा रहे है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, नकली नोटों की तस्करी के मामले में पकड़े जा रहे युवाओं की उम्र 20 साल के भीतर है. इनमें कई स्कूल छात्र भी हैं. भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव की जरूरतमंद महिलाओं को भी करियर के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए तस्कर सक्रिय हो रहे हैं. पता चला है कि एक लाख के नकली नोट की तस्करी पर दो से तीन हजार रुपये की पारिश्रमिक दी जाती है. जाली नोटों को मवेशियों के हाट व बाजार में चलाये जाने की कोशिश की जा रही है. दूसरे राज्यों में भी नकली नोटों की तस्करी की जा रही है. सिर्फ रुपये ही नहीं कीमती मोबाइल, सीडी, डीवीडी व बाइक देने का लालच दिखा कर भी धंधे से गरीब परिवारों के बच्चों को जोड़ा जा रहा है.

दो थाना क्षेत्रों के गांव-गांव में गश्त

कालियाचक व बैष्णवनगर थाना क्षेत्र के खुले हिस्से से नकली नोटों की तस्करी का काम चल रहा है. पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने बताया कि सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में पुलिस की विशेष टीम हमेशा कड़ी निगरानी रख रही है. नकली नोटों के कारोबारियों को चिह्न्ति करने के लिए गांव-गांव में गश्त लगायी जा रही है. पुलिस-प्रशासन ने बीते एक महीने में मालदा जिले से जब्त नकली नोट का परिमान व गिरफ्तारियों के नामों की सूची व तारीख जारी की है.

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