कोलकाता : सारधा घोटाले में नाम आने के बाद से तृणमूल कांग्रेस में मुकुल राय और मदन मित्र के घटते कद को लेकर भले ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो, लेकिन पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें सर्वाधिक भरोसा मुकुल राय पर ही है. ममता बनर्जी ने मुकुल राय व मदन मित्र के प्रति अपना विश्वास प्रकट करते हुए कहा कि भले ही यह दुष्प्रचार किया जा रहा हो कि मुकुल राय और मदन मित्र ने पैसे खाये हैं, पार्टी इसे विश्वास नहीं करती.
पार्टी दोनों नेताओं के साथ है. पार्टी की ओर से कोलकाता नगर निगम के चुनाव को संभालने की जिम्मेदारी मुकुल राय को दी गयी है.सोमवार को कालीघाट में अपने घर में आयोजित बैठक में ममता बनर्जी ने इसे स्पष्ट कर दिया. चुनाव में मुकुल राय को पार्थ चटर्जी व सुब्रत बक्शी सहायता करेंगे.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी मेयर परिषद सदस्यों को मुकुल राय का परामर्श मान कर काम करना होगा. यहां तक कि मीडिया के सामने अपनी जुबान खोलने के पहले भी सभी को मुकुल राय की ही इजाजत लेनी होगी. मेयर परिषद सदस्यों व पार्टी के अन्य नेताओं के साथ हुई बैठक में ममता बनर्जी ने भाजपा को ही प्रधान विपक्ष के रूप में चिह्न्ति किया. उन्होंने पार्थ चटर्जी और सौगत राय को भाजपा के खिलाफ प्रचार पुस्तिका तैयार करने का निर्देश दिया है. भाजपा को रोकने के लिए कई रणनीतिगत फैसले भी लिये गये हैं.
उत्तर कोलकाता का कार्यकारी अध्यक्ष तापस राय और अशोक चक्रवर्ती को बनाया गया है. उत्तर कोलकाता के जिन वाडरे में तृणमूल पीछे थी वहां विशेष जोर लगाने के लिए कहा गया है. भाजपा की शक्ति किस तरह से बढ़ी है इस संबंध में पार्टी को एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कहा गया है. उन्होंने सरकार व पार्टी की छवि को उज्जवल बनाये रखने पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो राज्य सरकार की छवि को धूमिल करना चाहते हैं. इसलिए सांसदों, विधायकों से लेकर पार्षदों तक को इस संबंध में सतर्क रहना होगा. सुबह 11 बजे से शुरू हुई इस बैठक में विधायक, एमआइसी व बोरो चेयरमैन मौजूद थे.