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भाजपा नेताओं व पुलिस में धक्का-मुक्की

पानागढ़/कोलकाता: बीरभूम जिले के हिंसा प्रभावित माकड़ा गांव में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी को उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. शुक्रवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिल कर ज्ञापन देगा. […]

पानागढ़/कोलकाता: बीरभूम जिले के हिंसा प्रभावित माकड़ा गांव में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी को उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. शुक्रवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिल कर ज्ञापन देगा.

नकवी के अलावा पार्टी सांसद कीर्ति आजाद व दल के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा को पाड़ुई थाना के चकमंडलपुर में सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इससे पहले पार्टी समर्थकों व पुलिसकर्मियों के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की हुई. इधर, पार्टी नेता रितेश तिवारी को समर्थकों के साथ माक ड़ा गांव के पास गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के खिलाफ पार्टी समर्थकों ने बीरभूम जिला अधिकारी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन व सड़क जाम की. बाद में गिरफ्तार नेताओं को रिहा कर दिया गया. नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार दूसरा नंदीग्राम बना रही है. माकपा की तर्ज पर इसे भी सत्ता से जाना होगा. शुक्रवार को पूरे राज्य में इसका प्रतिवाद किया जायेगा.

गौरतलब है कि चकमंडलपुर में थानेदार प्रसन्नजीत दत्त पर हुए हमले के बाद पुलिस ने गिरफ्तारी अभियान चलाया था. भाजपा समर्थक ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस जांच के नाम पर उन्हें प्रताड़ित कर रही है. इसके बाद प्रशासन ने इस गांव के साथ ही कई गांवों में धारा 144 लागू कर दी थी. भाजपा नेताओं के शिष्टमंडल को इस गांव में घुसने नहीं दिया गया. दो दिन बाद माकड़ा गांव में भाजपा समर्थकों पर हमला हुआ. इस राजनीतिक हिंसा में तीन ग्रामीणों की मौत हुई. मंगलवार को पुन: भाजपा नेताओं ने गांव में जाने की कोशिश की. लेकिन उन्हें रोक दिया गया. इसके बाद गुरुवार को पार्टी के केंद्रीय शिष्टमंडल ने गांव में जाने की कोशिश की. पार्टी ने दोहरी रणनीति बना रखी थी. नकवी, आजाद व राहुल सिन्हा ने चकमंडलपुर का रुख किया, जबकि पार्टी नेता रितेश तिवारी ने माक ड़ा में घुसने की कोशिश की. बड़ी संख्या में पुलिस बल दोनों स्थलों पर तैनात था.

पुलिस अधिकारियों ने केंद्रीय शिष्टमंडल को धारा 144 का हवाला देकर चकमंडलपुर में रोक दिया. इसके बाद शिष्टमंडल व समर्थकों के साथ पुलिस की झड़प और धक्का मुक्की शुरू हो गयी. उत्तेजना और तनाव बढ़ने लगा. बड़ी संख्या में भाजपा समर्थक एकत्र होने लगे. सांसद नकवी, कीर्ति आजाद, उदित राज, प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा आदि को पुलिस ने 144 धारा तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. दूसरी ओर, प्रदेश नेता रितेश तिवारी के नेतृत्व में समर्थक चकमंडलपुर के दो बैरिकेड तोड़ माकड़ा गांव के करीब पहुंच गये. उन्हें वहां गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार सभी नेताओं को बस से पाड़ुई थाना लाया गया. एक घंटे बाद पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया के निर्देश पर उन्हें रिहा किया गया.

नकवी ने कहा कि तृणमूल सरकार के शासनकाल में राज्य आतंकवादियों का पनाहगाह बन गया है. आतंक व अराजकता की सरकार चल रही है. गुंडागर्दी जारी है. पुलिस की तूती बोलती है. कानून-व्यवस्था चरमरा गयी है. माकड़ा गांव के पीड़ितों के जख्म पर मरहम लगाने आये थे. लेकिन पुलिस ने जाने से रोक दिया. तानाशाही कायम हो गया है. राज्य की आम जनता पीड़ित और मर्माहत है. राज्य और देश के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है.

प्रदेश अध्यक्ष श्री सिन्हा ने कहा कि माकड़ा में पुलिस और तृणमूल का अत्याचार जारी है. तृणमूल मास्केट वाहिनी के लिए धारा 144 नहीं होती है. तीन ग्रामीणों की हत्या कर घरों को लूटा गया और आग लगा दी गयी. सांसदों को गिरफ्तार कर बीरभूम को मुद्दा बनाया जा रहा है. नंदीग्राम में सीपीएम का जो हाल हुआ, उसी की पुनरावृति तृणमूल कर रही है. सीपीएम का जो हश्र हुआ अब तृणमूल का होगा. उन्होंने घटना को लेकर शुक्रवार को पूरे राज्य में प्रतिवाद जताया जायेगा. इसकी जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री को दी जायेगी. तिवारी ने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले निर्मम लाठीचार्ज किया है. राज्य के गांव में अमूल परिवर्तन हो रहा है.

आज राज्यपाल से मिलेगा भाजपा का प्रतिनिधिमंडल

शुक्रवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिल कर माकड़ा की घटना के संबंध में ज्ञापन देगा. एक वकील विकास रायचौधरी ने माकड़ा हिंसा मामले में पारुई पुलिस थाने में बीरभूम के तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल के खिलाफ एक एफआइआर दर्ज करायी है.

नकवी का दावा

मुख्तार अब्बास नकवी ने दावा किया कि पुलिसकर्मी जब उन्हें वाहन की ओर ले जा रहे थे, तो उन्हें चोट आयी. पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए नकवी ने कहा : यह लोकतंत्र की हत्या है. तृणमूल कांग्रेस सरकार माकड़ा गांव में जो कुछ हुआ, उसे छिपाना चाहती है. यह शर्मनाक है. भाजपा नेता ने कहा : बर्बर ताकतों का इस्तेमाल कर तृणमूल सरकार विपक्ष की आवाज को दबा रही है.

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