कोलकाता: महानगर में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने यहां की बस रूटों में बदलाव करने का फैसला किया है. 40 वर्ष बाद राज्य सरकार यहां के सरकारी परिवहन निगम की बसों के रूटों में बदलाव करेगी.
इससे पहले वर्ष 1970 में इनके रूटों का परिवर्तन किया गया था. यह जानकारी परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने दी. उन्होंने बताया कि रूटों में बदलाव करने से पहले राज्य सरकार ने एक लाख से भी अधिक यात्रियों को लेकर सर्वे किया है और एकत्रित किये गये आंकड़ों के आधार पर नये रूट बनाये गये हैं.
सर्वे के दौरान लोगों ने कहा है कि वह महानगर में परिवहन व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं, क्योंकि यहां पर शहरीकरण का विस्तार हुआ है और यहां नये एक्टिविटी सेंटर खोले गये हैं, इसलिए यहां जरूरत के अनुसार रूट में बदलाव करना जरूरी है. पहले सरकार मुख्य रूप से सिटी आधारित ट्रांजिट सिस्टम को ही लागू करती थी, लेकिन अब इस सिस्टम को राज्य स्तर पर लागू करने की योजना बनायी जा रही है. सीएसटीसी मुख्य रूप से महानगर में ही अपनी सेवाएं प्रदान करती है, लेकिन अब इसे जिलों के साथ जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार ने और 1000 बसें रास्ते पर उतारने का फैसला किया है.
राज्य सरकार ने तय किया है कि कलकत्ता ट्राम कंपनी (सीटीसी) की बसें अब हावड़ा क्षेत्र में भी चलायी जायेंगी, जबकि सीएसटीसी की बसें अब महानगर के साथ-साथ उत्तर व दक्षिण 24 परगना के जिलों में भी चलेंगी. पश्चिम बंगाल भूतल परिवहन निगम की बसें मुख्य रूप से दक्षिण 24 परगना जिले में ही चलायी जायेंगी. राज्य सरकार ने बैरकपुर- अलीपुर, पार्क सर्कस- फुरफुरा शरीफ, बोराल- राजाबाजार, ठाकुरपुकुर- सांतरागाछी, शालीमार- रूबी पार्क सहित 19 नयी रूटों पर बस की योजना बनायी है. 19 रूटों पर राज्य सरकार द्वारा 400 नयी बसें उतारेगी. उत्तर बंगाल में चलायी जानेवाली सभी बसें सिर्फ उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम के अंतर्गत ही चलेंगी.