मालदा. बुर्केवाली बांग्लादेशी महिला पर्यटकों के भारत प्रवेश के दौरान उनकी तलाशी लेने के लिए बीएसएफ की विशेष प्रशिक्षण प्राप्त महिला जवानों को नियुक्ति की गयी है.
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, बर्दवान बम धमाके के बाद केंद्रीय गृह मंत्रलय के निर्देश के तहत मालदा के भारत-बांग्लादेश सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गयी है. बीएसएफ व खुफिया विभाग के कर्मचारी बांग्लादेश से आ रहे पर्यटकों पर विशेष नजर रख रहे हैं. पर्यटक कितने दिनों के लिए आ रहे हैं, कहां जा रहे हैं, कहां ठहरेंगे आदि विभिन्न तथ्य बीएसएफ व पुलिस की ओर से जुटाये जा रहे हैं.
सीमावर्ती इलाकों में बीएसएफ की महिला व पुरुष जवानों द्वारा गश्त लगायी जा रही है. कस्टम अधिकारी भी पर्यटकों के विभिन्न कागजातों की जांच कर रहे हैं. महदीपुर सीमा पर पर्यटको के पासपोर्ट, वीजा समेत सभी कागजातों की जांच के लिए अलग से ऑफिस रूम चालू किया गया है. मालदा जिले में बीएसएफ की चार बटालियन है. प्रत्येक बटालियन में 12 से 14 विशेष प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं हैं. जिले के सीमावर्ती इलाके के गंगा, महानंदा, भागीरथी, पुनर्भवा, टांगन नदी में स्पीड बोट के सहारे बीएसएफ नजर रख रही है. रात को सर्च लाइट व प्रशिक्षिण प्राप्त कुत्ताें की मदद ली जाती है.
बांग्लादेश से भारत आये पर्यटक भवेश पाल, रीनी बीबी ने बीएसएफ की पहल की सराहना की. मालदा एक्सपोटर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव समीर घोष ने बीएसएफ को हरसंभव सहायता करने का आश्वासन दिया है. दूसरी ओर जिला भाजपा के महासचिव अजय गांगुली का कहना है कि यूपीए सरकार के शासनकाल में जिले में बड़े पैमाने पर अवैध घुसपैठ हुए हैं.
मालदा जिले में ऐसे कई अवैध घुसपैठिये हैं, जिनके पास पहचान पत्र नहीं है. राज्य पुलिस व प्रशासन की लापरवाही व अनदेखी के कारण ही मालदा जिला बांग्लादेशी घुसपैठियों का अखाड़ा बन गया है. भाजपा के केंद्र में आने के बाद से सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ायी गयी. बीएसएफ के 125 नंबर बटालियन के अतिरिक्त सब-इंसपेक्टर चोखा राम ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों में जीप, साइकिल, बाइक के सहारे व पैदल बीएसएफ के जवान गश्त लगा रहे हैं. जिन जगहों में थ्री फेज का तार नहीं लगाया गया है, वहां सर्च लाइट इस्तेमाल किया जा रहा है.