इधर, शुक्रवार को जूटा व छात्रों के आंदोलन से दबाव में आकर प्रबंधन पीछे हटा. दो नंबर गेट को खोल दिया गया. प्रबंधन के मुताबिक जरूरत होने पर निर्देश को रद्द भी किया जा सकता है. जांच कमेटी ने यादवपुर कांड की रिपोर्ट 72 घंटे के भीतर दे दी है. रिपोर्ट में नाम न लेते हुए वाइस चांसलर पर आरोप लगाये गये हैं.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीड़िता की शिकायत को महत्व नहीं दिया गया. हालंकि इस संबंध में सुरंजन दास ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. गुरुवार को वाइस चांसलर से परामर्श करके विश्वविद्यालय का नया निर्देश प्रदीप कुमार घोष ने जारी किया था.
कैंपस में किस गेट से प्रवेश किया जा सकता है और कहां आंदोलन किया जा सकता है इस संबंध में निर्देश दिये गये थे. यादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जूटा) का दावा है कि हाइकोर्ट के निर्देश से अतिरिक्त निर्देश दिया गया है. उसे वापस लेना होगा. जरूरत होने पर कैंपस के दो नंबर गेट को भी खोलने की मांग की. शुक्रवार रजिस्ट्रार को इस बाबत ज्ञापन भी दिया गया. दो नंबर गेट के सामने धरना शुरू हुआ. आंदोलन में छात्र भी शामिल हुए. इसके बाद रजिस्ट्रार ने आंदोलनकारियों से बातचीत की. उनके दबाव में गेट को खोलने का फैसला किया गया. प्रबंधन ने बताया कि शुक्रवार व सोमवार के लिए गेट खोलने का फैसला किया गया है. जरूरत होने पर निर्देश रद्द किया जा सकता है.