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छात्रों के आगे सरकार ने टेके घुटने

मुख्यमंत्री के निर्देश पर पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित कोलकाता : छात्रों के लगातार आंदोलन के सामने आखिरकार राज्य सरकार को घुटने टेकने ही पड़े. राज्य सरकार ने यादवपुर विश्वविद्यालय में एक छात्र से कथित उत्पीड़न मामले की जांच के लिए एक विशेष पांच सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की और समिति को जितना […]

मुख्यमंत्री के निर्देश पर पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित

कोलकाता : छात्रों के लगातार आंदोलन के सामने आखिरकार राज्य सरकार को घुटने टेकने ही पड़े. राज्य सरकार ने यादवपुर विश्वविद्यालय में एक छात्र से कथित उत्पीड़न मामले की जांच के लिए एक विशेष पांच सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की और समिति को जितना जल्द हो, रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

इसकी जानकारी देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि कलकत्ता यूनिवर्सिटी के कुलपति सुरंजन दास समिति के अध्यक्ष होंगे. उनके साथ इस पांच सदस्यीय समिति में नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज के संचालक व अध्यक्ष नरसिंह प्रसाद भादुड़ी, स्कूल सेवा आयोग के अध्यक्ष सुबीरेश, बेथुन कॉलेज की प्राचार्य संगीता त्रिपाठी मित्र और सेंट जेवियर्स कॉलेज के मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज्म विभाग की प्रमुख अनन्या चक्रवर्ती शामिल हैं.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि समिति छात्र के यौन उत्पीड़न मामले पर 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने का प्रयास करेगी, क्योंकि लड़की और उसके परिवार ने व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री से संपर्क कर निष्पक्ष जांच की मांग की है.

गौरतलब है कि सोमवार को पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और बताया जा रहा है कि छात्र के परिजनों के मुलाकात के बाद ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस समिति का गठन किया गया. मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग चाहता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश के अनुरूप जांच जल्द से जल्द पूरी हो और रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर अगले कदम के बारे में फैसला करेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के अनुरूप यह पहल की है, जब छात्र ने व्यक्तिगत तौर पर उनसे मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था.

यह पूछे जाने पर कि समिति गठित करने का निर्णय लड़की के इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग के दो दिन बाद क्यों किया गया, इस पर मंत्री ने कहा कि जांच शुरू करने से पहले निश्चित नियमों का पालन करने की जरूरत होती है.

उन्होंने कहा कि यह जांच अचानक नहीं शुरू की जा सकती. विश्वविद्यालय से जुड़े लोग प्रक्रिया जानते हैं. आंतरिक परिसर समिति है और वह विश्वविद्यालय के नियमों के अनुरूप काम करेगी.

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