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सरकार के रुख से छात्र नाराज

कोलकाता: यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) मामले में राज्य सरकार द्वारा पुलिस व कुलपति के बचाव करने की कोशिश से छात्रों में भारी रोष है. सरकार के इस रवैये के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन छेड़ दिया है. यह आंदोलन दिनोंदिन जोर पकड़ता जा रहा है और अब यह सिर्फ जेयू तक ही सीमित नहीं रहा गया है, […]

कोलकाता: यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) मामले में राज्य सरकार द्वारा पुलिस व कुलपति के बचाव करने की कोशिश से छात्रों में भारी रोष है. सरकार के इस रवैये के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन छेड़ दिया है. यह आंदोलन दिनोंदिन जोर पकड़ता जा रहा है और अब यह सिर्फ जेयू तक ही सीमित नहीं रहा गया है, बल्कि अन्य विश्वविद्यालय के छात्र भी इसके समर्थन में जुलूस व रैली निकालने लगे हैं.

इस बीच, यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने शुक्रवार को रजिस्ट्रार व उप कुलपति को लगातार आठ घंटे तक परिसर में प्रवेश करने से रोकने के बाद घेराव हटा लिया.

उनपर दो दिन पहले की गयी पुलिस कार्रवाई के विरोध में लगातार दूसरे दिन भी कक्षाओं का बहिष्कार किया और कुलपति से इस्तीफे की मांग पर आंदोलन जारी रखने की घोषणा की. छात्रों द्वारा शनिवार को दोपहर दो बजे नंदन से महाजुलूस निकाला जायेगा, जो राजभवन तक जायेगा. उसके बाद छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिल कर हस्तक्षेप करने की मांग करेगा. राजभवन से छात्रों को शाम पांच बजे तक पहले राजभवन पहुंचने की अपील की गयी.

घटना से राज्यपाल भी चिंतित

राज्यपाल ने पहले ही यादवपुर की घटना पर चिंता जतायी है. उन्होंने शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती व गृह सचिव बासुदेव बंद्योपाध्याय को बुलाकर रिपोर्ट ली थी. शुक्रवार की शाम को राज्यपाल ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त सुरजीत पुरकायस्त को राजभवन तलब किया और उनसे यादवपुर विश्वविद्यालय में पुलिस की भूमिका की जानकारी ली. इससे पूर्व, शुक्रवार सुबह से ही यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय के समक्ष छात्रों ने धरना शुरू कर दिया. इससे पढ़ाई बाधित हुई. छात्रों ने रजिस्ट्रार प्रदीप घोष, उप कुलपति सिद्धार्थ दत्ता और अन्य अधिकारियों का विश्वविद्यालय में प्रवेश रोक दिया. अरविंद भवन के सामने छात्र प्रदर्शन करते रहे. छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. उसके बाद उप कुलपति व रजिस्ट्रार वहीं कुर्सी पर बैठ गये. छात्रों ने कहा : उन्होंने पुलिस को उस दिन परिसर में बुलाया था और हमारी पिटाई की गयी. कुलपति को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हंे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. अगर उन्हें परिसर में प्रवेश करना है तो उन्हें हमारे शवों पर से गुजरना होगा. रजिस्ट्रार ने कहा कि उन्हें उनके कार्यालय जाने नहीं दिया जा रहा है. जब तक आंदोलन खत्म नहीं हो जाता तब तक उन्हें बाहर इंतजार करना होगा. उन्होंने पत्रकारों से कहा : मैं क्या कर सकता हूं अगर वह मुङो अंदर प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं? लेकिन बाद में छात्रों ने घेराव उठा लिया, लेकिन कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती के इस्तीफे की मांग पर आंदोलन जारी रखने व कक्षा बहिष्कार जारी रखने की घोषणा की.

दूसरी ओर, यादवपुर के छात्रों के आंदोलन के समर्थन में प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध जुलूस निकाला.

विभागाध्यक्ष का इस्तीफा

इस मामले से क्षुब्ध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष सौमित्र बसु ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने यादवपुर के काउंसिल पद से भी इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले को लेकर मर्माहत हैं.

पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज नहीं किया. बाहरी लोगों की शह पर आंदोलन किया जा रहा है. छात्र घेराव की राजनीति छोड़ दें और विश्वविद्यालय में पढ़ाई का माहौल बनाने में मदद करें.

पार्थ चटर्जी, राज्य के शिक्षा मंत्री

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