कोलकाता/हुगली: दूसरे राज्यों में आलू भेजने पर लगी रोक हटाने, जब्त व सड़े आलू के लिए मुआवजे समेत अन्य मांगों को लेकर आलू व्यवसायियों की हड़ताल का राज्यभर में व्यापक असर दिखा.
एक ओर आलू की बड़ी मंडियां बंद रहीं, तो दूसरी ओर आलू की कीमत में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है. इसका व्यापक असर हुगली, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना समेत अन्य जिलों में देखने को मिला है. सिंगूर का रतनपुर आलू व्यवसाय का मुख्य केंद्र है. यहां की आलू मंडी में सन्नाटा पसरा रहा. व्यवसायियों का कहना है कि राज्य सरकार जब तक उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर ठोस कदम नहीं उठाती है, तब तक वे हड़ताल पर अड़े रहेंगे.
उधर, आलू व्यवसायियों की बेमियादी हड़ताल की वजह से बाजारों में ज्योति आलू 20 रुपये प्रति किलो की बजाय करीब 24 रुपये में बेचा जा रहा है. इधर, चंद्रमुखी आलू की कीमत 25 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 26 से 30 रुपये प्रति किलो हो गयी है. हड़ताल की वजह से आलू की कीमत में और भी बढ़ोतरी की संभावना व्यक्त की जा रही है. हुगली समेत अन्य जिलों के कई कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने व उसके बेचे जाने की प्रक्रिया बंद रही.
सीएम को अपनी समस्याओं से अवगत करायेंगे आलू व्यवसायी
पश्चिम बंगाल प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति के सुकुमार सामंत का कहना है कि आलू की कीमत को लेकर समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. आरोप के मुताबिक आलू व्यवसायी भी पुलिसिया जुल्म के शिकार हो रहे हैं. आलू को जब्त कर उन्हें परेशान किया जा रहा है. जब्त आलू सड़कर बरबाद हो रहे हैं, जिसका खामियाजा व्यवसायियों को उठाना पड़ रहा है. सरकार की ओर से न तो मुआवजे की बात कही गयी है और न ही दूसरे राज्यों में आलू भेजने पर प्रतिबंध हटाया गया है. आरोप के मुताबिक सरकार के रवैये के कारण ही आलू व्यवसायी हड़ताल को मजबूर हुए हैं. सुकुमार सामंत ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 12 सितंबर को बुलायी गयी बैठक में वे लोग भाग लेंगे और मुख्यमंत्री को आलू व्यवसायियों की समस्या से अवगत करायेंगे.