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सारधा कांड में सीबीआइ ने देबब्रत सरकार को किया गिरफ्तार

कोलकाताः करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में सीबीआइ ने बुधवार को इस्ट बंगाल के सचिव देबब्रत सरकार को गिरफ्तार कर लिया. देबब्रत सरकार से पहले ही सीबीआइ दो बार पूछताछ कर चुकी थी. बुधवार सुबह उन्हें सॉल्टलेक स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पूछताछ के दौरान उनके बयान में […]

कोलकाताः करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में सीबीआइ ने बुधवार को इस्ट बंगाल के सचिव देबब्रत सरकार को गिरफ्तार कर लिया. देबब्रत सरकार से पहले ही सीबीआइ दो बार पूछताछ कर चुकी थी. बुधवार सुबह उन्हें सॉल्टलेक स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पूछताछ के दौरान उनके बयान में असमानता के बाद सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गुरुवार को उन्हें अदालत में पेश किया जायेगा. अपनी हिरासत में लेकर सीबीआइ पूछताछ की अपील करेगी.

उल्लेखनीय है कि चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआइ अपने हाथ में लेने के बाद यह पहला अवसर है कि उसने किसी प्रभावशाली व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. सीबीआइ ने इस मामले में पहले से ही गिरफ्तार सारधा चिटफंड के प्रमुख सुदीप्त सेन, देवयानी मुखोपाध्याय, पत्रकार व सांसद कुणाल घोष से पूछताछ कर चुकी है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री सरकार पर आरोप है कि सुदीप्त सेन को सेबी के अधिकारियों से छूट दिलाने का आश्वासन देकर उन्होंने करोड़ों रुपये लिये थे. सुदीप्त सेन ने भी पूछताछ के दौरान देबब्रत सरकार पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था. सीबीआइ ने उनके आवास पर रेड के दौरान काफी कागजात जब्त किये थे. सीबीआइ इसके पहले तृणमूल कांग्रेस से निलंबित राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती व तृणमूल सांसद अर्पिता घोष से भी पूछताछ कर चुकी है.

उल्लेखनीय है कि करोड़ों रुपये के सारधा घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने सोमवार को राज्य के वस्त्र मंत्री श्यामपद मुखर्जी और फिल्म कलाकार अपर्णा सेन से पूछताछ की थी. इडी सारधा समूह द्वारा प्रकाशित एक पत्रिका की संपादक के रूप में अभिनेत्री और फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन की भूमिका की जांच कर रहा है. पिछले साल बड़ी संख्या में निवेशकों ने आरोप लगाया था कि फर्जी पोंजी स्कीमों के जरिये उनकी मेहनत से कमाई गयी राशि ठग ली गयी.

वहीं, श्यामपद मुखर्जी के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कुछ संपत्ति के हस्तांतरण के जरिये कुछ पूंजी अर्जित की है. इडी की ताजा जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में धनशोधन राशि 1983.02 करोड़ रुपये की है और इसकी पहचान ‘अपराध से अर्जित हुई आय’ के रूप में की गयी है. इस मामले की जांच कर रही एजेंसियों में इडी, सीबीआइ, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और असम की राज्य पुलिस शामिल है.

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