टैक्सी चालकों के आंदोलन से राज्य सरकार नाराज
कोलकाता : महानगर के टैक्सी चालकों के एक समूह ने अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को हड़ताल पर चले गये थे. राज्य सरकार इन टैक्सी चालकों व मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है. इससे अब ऐसा लगता है कि मां-माटी-मानुष की सरकार अब राज्य के लोगों से उनका गणतांत्रिक अधिकार भी छीनने लगी है.
वजह यह कि गुरुवार को टैक्सी चालक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तो उस समय पुलिस ने उन पर लाठियां बरसायी थीं. अब उनके खिलाफ राज्य सरकार कानूनी कार्रवाई करने जा रही है. शुक्रवार को राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र ने महानगर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हड़ताल में शामिल होनेवालीं 445 टैक्सियों को चिह्न्ति किया गया है और इनके मालिकों को विभाग द्वारा नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार इन टैक्सियों के लाइसेंस भी रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करेगी.
गौरतलब है कि महानगर में टैक्सी रिफ्यूजल की समस्या को दूर करने के लिए परिवहन विभाग ने नया निर्देश जारी किया है. इसके अनुसार टैक्सी रिफ्यूजल की शिकायत मिलने पर उक्त टैक्सी पर तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा. इस निर्देश को असंवैधानिक करार देते हुए टैक्सी चालक गुरुवार को हड़ताल पर चले गये थे. हालांकि टैक्सी चालकों ने किसी बैनर या संगठन के अंतर्गत यह आंदोलन नहीं किया था, बल्कि उन लोगों ने आपसी सलाह से यह आंदोलन किया था.
22 टैक्सी ड्राइवरों को 12 तक जेल हिरासत
गुरुवार को धर्मतल्ला में टैक्सी संगठनों के आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किये गये 22 टैक्सी ड्राइवरों को शुक्रवार को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने इन सभी को 12 अगस्त तक जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
आज परिवहन संगठनों के सम्मेलन में तय होगा आंदोलन
टैक्सी ड्राइवरों पर पुलिस के लाठीचार्ज के खिलाफ कोलकाता टैक्सी वकर्स यूनियन (सीटू) व कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन (एटक) की शनिवार को बैठक बुलायी गयी है. इस बैठक में सीटू परिवहन संगठन के अनादि साहू व एटक के परिवहन संगठन के नवल किशोर श्रीवास्तव सहित अन्य नेता उपस्थित रहेंगे. इस बैठक में टैक्सी ड्राइवरों पर लाठीचार्ज व पुलिस जुल्म के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय की जायेगी. श्री श्रीवास्तव ने बताया कि यदि सरकार का दमन जारी रहा, तो वे लोग हड़ताल पर भी जा सकते हैं.
सरकार ने छीना आंदोलन का अधिकार : श्रीवास्तव
परिवहन मंत्री द्वारा आंदोलन में शामिल टैक्सी ड्राइवरों के खिलाफ कार्रवाई पर कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन (एटक) के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है. उन्होंने कहा कि आंदोलन श्रमिक संगठनों का मौलिक व लोकतांत्रिक अधिकार है. चाहे तृणमूल की सरकार हो या भाजपा की, कोई भी यह अधिकारी छीन नहीं सकती. आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता है. परिवहन मंत्री ने मित्रवत संगठनों के साथ बैठक कर एकतरफा फैसला लिया है.
उस फैसले को सभी संगठनों पर थोपा नहीं जा सकता है. कोई भी निर्णय आपसी सहमति व विचार-विमर्श से होना चाहिए. सरकार को किसी भी ड्राइवर का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि लाइसेंस ड्राइवर की निजी संपत्ति है. यदि सरकार ऐसा करती है, तो वे हाइकोर्ट में रिट दायर करेंगे.