सिलीगुड़ी: पूरे उत्तर बंगाल के साथ ही इंसेफ्लाइटिस की बीमारी ने अब सिलीगुड़ी को भी अपने चपेट में ले लिया है. उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों में भले ही इस बीमारी ने गंभीर रूप धारण कर लिया है, लेकिन सिलीगुड़ी में अब तक इस बीमारी ने दस्तक नहीं दी थी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी के 46 नंबर वार्ड स्थित चम्पासारी के समरनगर से इंसेफ्लाइटिस के एक संदिग्ध रोगी को अस्पताल में भरती कराया गया है. वह चम्पासारी के श्रीगुरू विद्या मंदिर में सातवीं कक्षा का छात्र है. इस बीमारी को लेकर पूरे उत्तर बंगाल में रेड अलर्ट जारी है, लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम पर मानो इसका कोई असर नहीं पड़ा है.
वाम मोरचा के नेताओं ने सिलीगुड़ी नगर निगम पर इस बीमारी को लेकर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है. आज सिलीगुड़ी नगर निगम में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विरोधी दल के नेता मुंशी नुरूल इस्लाम ने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में विभिन्न स्थानों पर कचरे का ढेर लगा हुआ है. नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं हो रही है. इस बीमारी के रोक-थाम के लिए विभिन्न स्थानों पर ब्लीचिंग पावडर तथा मच्छर नाशक तेल का छिड़काव जरूरी है. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम के पास ब्लीचिंग पावडर का स्टॉक नहीं के बराबर है. मच्छरों को मारने के लिए धुआं छोड़ने वाली फॉगिंग मशीनें भी बेकार पड़ी हुई है.
उन्होंने कहा कि 20 मई से मेयर गंगोत्री दत्ता के इस्तीफे तथा कांग्रेस बोर्ड के भंग होने के बाद से ही सिलीगुड़ी में नागरिक सेवाओं पर भारी असर पड़ रहा है. इस संबंध में कमिश्नर सोनम वांग्दी भुटिया से कई बार बातचीत की गई, लेकिन इसका लाभ नहीं हुआ है. उन्होंने सिलीगुड़ी नगर निगम के सभी काउंसिलरों को लेकर एक आम सभा बुलाने की मांग कमिश्नर सोनम वांग्दी भुटिया से की है. उन्होंने कहा कि ऐसे आम सभा बुलाने का अधिकार चेयरमैन को होता है, लेकिन बोर्ड भंग होने की स्थिति में वेस्ट बंगाल म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट के धारा 50 के तहत कमिश्नर भी आपात बैठक बुला सकते हैं. उन्होंने सिलीगुड़ी नगर निगम के कमिश्नर से इंसेफ्लाइटिस की बीमारी से निपटने के लिए विभिन्न स्थानों पर ब्लीचिंग पावडर के छिड़काव के साथ ही सभी आवश्यक कारगर उपाय करने की मांग की है. ऐसा नहीं करने की स्थिति में 25 तारीख को एक बार फिर से कमिश्नर को घेराव करने की धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि हर वार्ड में साफ-सफाई के लिए कम से कम 10 मजदूरों की तैनाती जरूरी है. लेकिन 4 से 5 मजदूर ही हर वार्डो में दिये जा रहे हैं. जिसकी वजह से साफ-सफाई का काम प्रभावित हो रहा है.
22 लोगों के रक्त में मिले जीवाणु
जलपाईगुड़ी जिले के राजगंज ब्लॉक के विभिन्न इलाकों में इनदिनों इंसेफ्लाटिस बीमारी का आतंक फैला हुआ है. इस बीमारी को लेकर आम लोगों में जबरदस्त घबराहट है. थोड़ा भी बुखार होते ही लोग अस्पताल का चक्कर काटने लगते हैं. राजगंज ब्लॉक अस्पताल में इसी बीमारी के आतंक को लेकर लोगों की भीड़ लगी होती है. इनमें से अधिकांश ही मामूली बुखार से पीड़ित हैं, लेकिन इसके बावजूद इंसेफ्लाटिस के आतंक के कारण रक्त की परीक्षा कराने अस्पताल आ जाते हैं. इस अस्पताल में हर दिन ही ऐसे लोगों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. ब्लॉक चिकित्सा पदाधिकारी सूरजीत सरकार ने बताय कि आम लोगों में जागरूकता की कमी के कारण ही ऐसा हाल बना हुआ है. अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ की भारी कमी है. जिसकी वजह से रोगियों की इतनी संख्या को संभाल पाना संभव नहीं हो पा रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि कई लोगों के रक्त में इंसेफ्लाटिस के जीवाणु पाये गये हैं. उन्होंने कहा कि अबतक इस अस्पताल में सैंकड़ों लोगों की जांच की गयी है, जिसमें से 22 लोगों के रक्त में इंसेफ्लाटिस के जीवाणु मिले हैं.