मालदा: मालदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत का सिलसिला जारी है और यह थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 24 घंटे में यहां और 5 शिशुओं की मौत हो चुकी है. इस तरह पिछले 72 घंटे में यहां 17 शिशुओं की मोत हो गयी है.
अस्पताल में शिशुओं की लगातार मौत की घटना को लेकर हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन इस घटना को लेकर प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई तत्परता नहीं बढ़ी है. अस्ताल प्रशासन ने घर में प्रसव कराने और शिशुओं का वजन कम होने के काराण मौत होने की बात बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. हालांकि अभिभावकों ने इस घटना के लिए डॉक्टरों को दोषी ठहराते हुए चिकित्सा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
पिछले तीन दिनों से यहां शिशुओं की मौत का सिलसिला जारी है. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन पांच और शिशुओं की मौत हुई है उसमें से दो का जन्म अस्पताल में ही हुआ था.जबकि तीन अन्य को बाहर से लाकर अस्पताल में भरती कराया गया था. सभी शिशुओं की उम्र दो घंटे से लेकर दो दिन के बीच की थी. इस संबंध में राजमहल के रहने वाले इलियास शेख ने बताया कि उनकी कन्या संतान जन्म के बाद ही बीमारी पड़ गयी.उसे इलाज के लिए मालदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया. उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में भरती कराने के बाद डॉक्टरों ने उनके शिशु की कोई चिकित्सा नहीं की और बाद में मर जाने की खबर दे दी.
इधर,मालदा मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल ने बताया है कि वजन कम होने के कारण ही शिशुओं की मौत हुई है.उन्होंने चिकित्सा में लापरवाही के आरोपों से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि जिन 5 शिशुओं की मौत हुई है, उन सभी का वजन 1 से दो किलो के बीच था.