मालदा: मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में पांच और शिशुओं की मौत से हड़कंप मच गया है. शनिवार को ही यहां 24 घंटे के अंदर सात शिशुओं की मौत हुई थी. इस तरह से पिछले 38 घंटे में इस अस्पताल में 12 शिशुओं की मौत हो चुकी है. अस्पताल में शिशुओं की लगातार मौत की घटना से अभिभावकों में हड़कंप मचा हुआ है. अस्पताल में भरती अपने नवजात शिशुओं को लेकर इन लोगों में काफी चिंता है.
अस्पताल के प्रिंसीपल और वाइस प्रिंसीपल दोनों ही इस समय मालदा से बाहर हैं. हालांकि अस्प्ताल प्रबंधन ने शिशुओं की मौत की घटना के लिए अभिभावकों को ही जिम्मेदार ठहराय है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जितने भी शिशुओं की मौत हुई है, उनमें से अधिकांश को स्थिति बिगड़ने के बाद अस्पताल में भरती कराया गया.
यदि पहले ही इन शिशुओं को अस्पताल में भरती करा दिया जाता तो इनकी मौत रोकी जा सकती थी. अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि सांस जनित कारणों से ही शिशुओं की मौत हुई है.दूसरी तरफ अभिभावकों ने अस्पताल पर चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगाया है. इनलोगों का कहना है कि अधिकांश डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं रहते,जो डॉक्टर रहते हैं, वे चिकित्सा के प्रति ध्यान नहीं देते.
ऐसी ही एक पीड़ित महिला ने बताया कि कल ही उन्होंने अपने बच्चे को अस्पताल में भरती कराया है, लेकिन किसी तरह की कोई चिकित्सा नहीं की जा रही है. डॉक्टरों से बार बार अनुरोध करने के बाद भी बच्चे को देखने कोई नहीं आया. यहां उल्लेखनीय है कि मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में शिशु मृत्यु की घटना लगातार हो रही है. पिछले महीने ही यहां 27 शिशुओं की मौत हुई थी. उसके बाद भी आगे इस तरह की घटना को रोकने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया.