कोलकाता: अलीपुर चिड़ियाघर में जिंदगी बसर कर रहे जानवरों में से कई के बारे में लोगों को बखूबी जानकारी है, लेकिन अधिकतर लोगों को यह पता नहीं होगा कि इस चिड़ियाघर के पहले डायरेक्टर कौन थे और उन्होंने यहां कितने दिनों तक काम किया. यहां देश-विदेश के किन-किन चिड़ियाघरों से जानवरों व पक्षियों को लाया गया है. 1876 में खोले गये अलीपुर चिड़ियाघर आनेवाले लोगों को अब यहां के इतिहास से भी रू-ब-रू कराया जायेगा. इसके लिए यहां एक विशेष गैलरी तैयार की गयी है.
अलीपुर चिड़ियाघर स्थित जंगली बिल्लियों के पिंजरे को खाली कर यह गैलरी बनायी गयी है, जिसका नाम मिल्क हाउस रखा गया है. जल्द ही इसका उदघाटन किया जायेगा. आम लोगों तक अलीपुर चिड़ियाघर का इतिहास पहुंचाने के लिए प्रबंधन ने पहले पुस्तिका वितरित करने का फैसला किया था, लेकिन किसी वजह से इस योजना पर काम नहीं हुआ. इसके बाद चिड़ियाघर में एक गैलरी तैयार करने का फैसला किया गया. जिस पिंजरे में यह गैलरी तैयार की गयी है, उसकी हालत बेहद खस्ता हो चुकी थी. इसके अंदर 2-3 बिल्लियां रहती थीं, जिन्हें दूसरे पिंजरे में स्थानांतरित कर दिया गया है.
इस गैलरी के अंदर तसवीरें व पोस्टर इत्यादि लगाये गये हैं, जिनके द्वारा लोगों को चिड़ियाघर के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है. इस गैलरी का नाम मिल्क हाउस क्यों रखा गया है, इसके बारे में भी बताया गया है.