कोलकाता/नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन ने आखिरकार सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. केंद्र में नयी सरकार आने के बाद से कथित तौर पर उन पर इस्तीफा देने का दबाव था. केंद्रीय गृह मंत्रलय से मिली जानकारी के अनुसार, वह चार जुलाई तक राज्यपाल बने रहेंगे और उसके बाद वह अपने पद से हट जायेंगे.
गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में सीबीआइ ने शुक्र वार को बतौर गवाह नारायणन से पूछताछ की थी. जिस वक्त यह अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा हुआ था, नारायणन यूपीए सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर थे. नारायणन को कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-2 सरकार में गवर्नर बनाया गया था.
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीबीआइ की पूछताछ के बाद नारायणन की मुश्किलें बढ़ गयीं. उनके इस्तीफे की अटकलें लगायी जा रही थीं. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नयी एनडीए सरकार बनने के बाद बताया जाता है कि केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने कुछ हफ्ते पहले ऐसे कुछ राज्यपालों को फोन करके इस्तीफा देने को कहा था, जिनकी नियुक्तियां यूपीए शासन में हुई थीं. पिछले कुछ दिनों में नगालैंड के राज्यपाल अश्विनी कुमार, उत्तर प्रदेश के बीएल जोशी और छत्तीसगढ़ के शेखर दत्त इस्तीफा दे चुके हैं. नारायणन इस्तीफा देने वाले चौथे राज्यपाल हैं. गृह मंत्रलय के सूत्रों ने बताया कि नारायणन ने राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया है.
पूर्व आइपीएस अधिकारी नारायणन खुफिया ब्यूरो के निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं. उन्हें जनवरी 2010 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था. एनडीए सरकार बनने के बाद जिन राज्यपालों ने अभी तक इस्तीफा दिया है वे आइपीएस या आइएएस अधिकारी रह चुके हैं. नारायणन, जोशी और कुमार पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं तो दत्त पूर्व आइएएस अधिकारी हैं. सूत्रों ने बताया कि सरकार लगभग 10 राज्यों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को राज्यपाल के तौर पर नियुक्त करने पर विचार कर रही है.
नारायणन ने पैक कर लिया सामान
सूत्रों के मुताबिक, एमके नारायणन ने राजभवन छोड़ने की तैयारी पूरी कर ली है. उन्होंने अपना सामान तक पैक कर लिया है. खबरों के मुताबिक, शनिवार की रात गवर्नर नारायण की तरफ से जाने माने शिक्षाविद् और कांग्रेस नेता करण सिंह के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि यह आयोजन उनकी फेयरवेल डिनर थी. इस मौके पर वित्त मंत्री अमित मित्र, मुख्य सचिव संजय मित्र, गृह सचिव बासुदेव बनर्जी, डीजी जीएमपी रेड्डी, कोलकाता पुलिस आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ सहित अन्य आइएएस व आइपीएस अधिकारी उपस्थित थे.