बस मालिकों की स्थिति से परिवहन मंत्री सहमत, पर
कोलकाता : बस किराया बढ़ाने के मुद्दे पर राज्य सरकार व बस मालिकों के बीच चल रहा विवाद अभी तक नहीं थमा है. हालांकि राज्य सरकार के आवेदन पर बस मालिकों ने अपनी तीन दिन की प्रस्तावित बस हड़ताल वापस ले ली थी. पर वह आम बसों का न्यूनतम किराया आठ रुपये और मिनी बस का न्यूनतम किराया 10 रुपये करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.
सरकार किराया बढ़ाने पर राजी होगी या फिर बस मालिक हड़ताल के रास्ते पर ही जायेंगे. इसका फैसला एक जुलाई को होगा. मजे की बात यह है बस किराया बढ़ाने से इनकार कर रहे परिवहन मंत्री मदन मित्र बस मालिकों की स्थिति से पूरी तरह सहमत हैं.
रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान जब परिवहन मंत्री से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह बस मालिकों की स्थिति से पूरी तरह अवगत व सहमत हैं. श्री मित्र ने कहा कि वर्तमान में जो स्थिति है, उसमें हमारे लिए भी बस चलाना संभव नहीं हो पा रहा है. वही हाल ट्राम सर्विस का भी है. प्रत्येक वर्ष परिवहन विभाग के बस व ट्राम चलाने पर दस करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
परिवहन मंत्री ने आरोप लगाया कि पेट्रोल व डीजल के दाम तो केंद्र सरकार बढ़ा रही है, पर इसका ठीकरा ममता बनर्जी के सिर फूट रहा है. महंगाई के लिए पूरी तरह केंद्र जिम्मेदार है. मदन मित्र ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने के कारण रास्ते से बसें कम हो रही हैं. पर माकपा ने अपने 34 वर्षो के शासन में राज्य व राज्य वासियों को जिस हाल में छोड़ा है, उस हालत में लोगों के लिए और अधिक किराया देना संभव नहीं है. परिवहन मंत्री ने कहा कि बस मालिक अपनी बात कह चुके हैं. सभी तथ्य भी वे पेश कर चुके हैं. अब जो भी होगा. एक जुलाई को उस पर अंतिम फैसला लिया जायेगा.