कोलकाता: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्नातक पाठ्यक्रम को लेकर चल रहे विवाद को बढ़ता देख कर छात्र-छात्राएं अपने राज्य लौटना चाह रहे हैं. दिल्ली के नामी विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए आवेदन कर चुके विद्यार्थी अब अपना फैसला बदलना चाह रहे हैं.
ये विद्यार्थी चार वर्षीय डिग्री कोर्स करना चाह रहे थे. कोलकाता के रहनेवाले दो छात्र आयुष शर्मा और सोनाली जैन ने दिल्ली स्थित हिंदू कॉलेज में दाखिला लेने का निर्णय लिया था. उन्हें लगा कि उनके नंबर अच्छे हैं, तो वह देश के अच्छे विश्वविद्यालय से अपना मनचाही पढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन अब उन्होंने अपना फैसला बदल दिया है.
मालूम हो कि डीयू के चार वर्षीय स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम को वापस पुराने तीन वर्षीय ढांचे में डालने को लेकर विद्यार्थी असमंजस में हैं. इस मामले में कलकत्ता विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार बासब चौधरी का कहना है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का दिल्ली विश्वविद्यालय और उसके अधीनस्थ कॉलेजों से केवल तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्र म के तहत दाखिला लेने के आदेश और चार वर्षीय स्नातक के तहत दाखिले लेने से मना करने पर छात्रों को अपना फैसला बदलना पड़ा है. उन्होंने कहा कि इसलिए सभी छात्र अपने राज्य में लौटना चाह रहे हैं.
महानगर के सीबीएसइ संबद्ध स्कूल के टॉपर मयंक संथालिया ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पढ़ने का फैसला किया है अब वह वापस कोलकाता लौटना चाह रहे हैं. बीडी मेमोरियल इंस्टीट्यूट के चार टॉप रैंक होल्डर ने भी अपने फैसले को बदल दिया है. वहीं सेंट जेम्स के छात्रों ने भी अब दिल्ली छोड़ कर कोलकाता लौटने का फैसला कर लिया है. हालांकि अंकिता अग्रवाल जिन्होंने दिल्ली के सेंट स्टिफेन कॉलेज में इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करने के लिए आवेदन किया था, उन्होंने अपना फैसला बदलने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि ऐसी छोटी-सी बात पर फैसला बदलना उचित नहीं होगा.