कोलकाता: वाम मोरचा ने दक्षिण 24 परगना जिले के रायदीघी में तृणमूल कांग्रेस के चार कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए माकपा व भाजपा पर आरोप लगाते हुए विधानसभा में तृणमूल द्वारा लाये गये निंदा प्रस्ताव का बुधवार को जोरदार विरोध किया. राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन बिमान बसु ने कहा कि 16 जून को तृणमूल के एक मंत्री ने एक प्रस्ताव पेश किया और बिना सबूत के भाजपा व वाम मोरचा पर रायदीघी हत्याकांड में संलिप्त होने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि तृणमूल विपक्ष पर आरोप लगा कर अपनी आतंरिक कलह से ध्यान भटकाना चाहती है. मौखिक तौर पर ऐसे निराधार आरोप तो लगाये ही जा रहे थे, लेकिन अब लिखित में, वह भी विधानसभा में ऐसे आरोप लगाये जा रहे हैं, जो अप्रत्याशित है. इसका वाम मोरचा पुरजोर विरोध करता है.
बिमान बसु ने दावा किया कि झूठे आरोपों पर माकपा जिला समिति के सदस्य विमल भंडारी को गिरफ्तार किया गया तथा प्रदेश पार्टी समिति के सदस्य कांति गांगुली का नाम प्राथमिकी में शामिल किया गया. जानकारी के मुताबिक रायदीघी में हुई घटना के आरोप में पुलिस ने विगत सोमवार की रात को विमल भंडारी को स्थानीय कोतला गांव स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था. वे रायदीघी में माकपा जोनल कमेटी के सचिव भी हैं. इस मामले में दर्ज करायी शिकायत में करीब 21 लोगों के नाम शामिल हैं, जिसमें पूर्व मंत्री कांति गांगुली का नाम भी शामिल है.