कोलकाता: राज्य सरकार के अधीनस्थ विभागों में लेन-देन व खर्च पर नजर रखने के लिए वित्त विभाग ने एक अप्रैल 2014 से ऑनलाइन प्रणाली इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मॉनिटरिंग सिस्टम (आइएफएमएस) शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के कारण राज्य सरकार इसे उस समय लागू नहीं कर पायी थी.
अब चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने फिर से इस सिस्टम को शुरू करने का फैसला किया है. इसकी जानकारी देते हुए शनिवार को राज्य के वित्त मंत्री डा अमित मित्र ने बताया कि विभिन्न विभागों को आवंटित किये गये फंड पर ऑनलाइन प्रबंधन, नियंत्रण व निगरानी रखने के लिए यह सिस्टम शुरू किया जा रहा है. अगले तीन महीने में यह सिस्टम शुरू कर दिया जायेगा. अगले डेढ़ वर्ष में विभिन्न चरणों में इसे सभी विभागों के साथ संयुक्त कर दिया जायेगा.
क्या है कि आइएफएमएस
यह एक केंद्रीयकृत सिस्टम है, जिसमें स्टेट डाटा सेंटर से सभी सर्वरों को संयुक्त किया जायेगा. राज्य सरकार ने वर्तमान समय के फंड आवंटन सिस्टम में बदलाव करने का फैसला किया जायेगा, इस नये सिस्टम के अनुसार फंड आवंटन व उसके खर्च के प्रणाली में पारदर्शिता आयेगी. इस नये सिस्टम के अनुसार, ई-बंटन (ई-एलोकेशन ऑफ फंड्स), ई-बिलिंग, ई- रिसिप्ट, एक केंद्रीयकृत कोषागार सिस्टम, मानव संसाधन प्रबंधन सिस्टम भी रहेगा. इस संबंध में वित्त मंत्री ने सभी विभागों को मास्टर डाटा जमा करने को कहा था, और कई विभाग ने डाटा जमा भी कर दिया है. अब सभी विभागों को ऑनलाइन के माध्यम से ही फंड आवंटित किया जायेगा.
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य सरकार ने लंबित सरकारी फाइलों के कार्यो को जल्द से जल्द निबटाने के लिए कंप्यूटराइज्ड सेंट्रल क्लियरिंग सिस्टम (सीसीसीएस) शुरू किया है. इसके अलावा कई ई-गवर्नेस पद्धतियां विभिन्न विभागों में लांच की गयी, जिसकी वजह से यहां कार्यो की गति में तेजी आयी है और साथ ही सरकार की आमदनी भी बढ़ी है.