सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल में एकमात्र सरकारी दुग्ध उत्पादन केन्द्र हिमूल का संकट दूर होता नजर नहीं आ रहा. हिमूल के कर्मचारियों का बकाया प्रोविडेंड फंड जमा करने को लेकर सरकार की उदासीनता जारी है. हिमूल सूत्रों के अनुसार कई बार नोटिस दिये जाने के बावजूद संस्था का बकाया 67 लाख रुपया न मिलने के कारण हिमूल के पांच बैंक एकाउंटों को प्रोविडेंड फंड के अधिकारियों ने बीते शुक्रवार को फ्रिज कर दिया.
सोमवार को कोलकाता में बकाये पीएफ की समस्या को दूर करने को लेकर बैठक भी हुई. बैठक में समस्या के शीघ्र समाधान की बात कही गयी. लेकिन स्थानीय हिमुल कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समस्या समाधान की दिशा में कोइ कार्यवाही नही हुयी है.सूत्रों ने बताया कि कोलकाता में हुयी बैठक के बाद बकाए रकम के भुगतान के लिए वित्त विभाग से दरख्वास्त की गयी है. सूत्रों ने आगे बताया कि विभागीय अधिकारियों की पीएफ अधिकारियों के साथ बातचीत हुयी है. पीएफ विभाग का कहना है कि जबतक बकाए रकम का भुगतान नहीं होता तबतक बैंक एकाउंट चालू नहीं किए जायेंगे.
इसबीच राज्य सरकार ने नये सिरे से हिमूल के पुनरोद्धार की योजना बनायी है. सूत्रों ने बताया कि इसको लेकर सिलीगुड़ी में जल्द ही एक बैठक बुलायी जाएगी. नेशनल डेवलपमेंट बोर्ड से भी इस मामले में हस्तक्षेप कर सहयोग करने की अपील की जा रही है. दूसरी ओर हिमूल के अधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि हिमूल को बचाने एवं आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए वर्ष भर में कई बार सरकार के पास नये प्रस्ताव भेजे गए हैं.लेकिन कभी भी राज्य सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की. सोमवार को मुख्यमंत्री के सिलीगुड़ी में माजूदगी के दौरान 16 करोड़ रुपये का एक प्रस्ताव दिया गया.
लोकसभा चुनाव से पहले भी राज्य सरकार से दो करोड़ रुपये की मांग की गयी थी. लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण आज तक कोई आर्थिक सहयोग हिमूल को नहीं मिला. हिमूल को लेकर सरकार की भूमिका की पूर्व नगर विकास मंत्री अशोक भट्टाचार्य ने भी कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि राज्य भर में विभिन्न अनुष्ठानों व क्लबों के लिए लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन हिमूल के कर्मचारियों के पीएफ के रुपये जमा नहीं हो पा रहे हैं. वाम शासन के समय ऐसा कभी नहीं हुआ. वहीं माटीगाड़ा – नक्सलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक शंकर मालाकार ने कहा कि उत्तर बंगाल में विकास कार्य कितना हो रहा है, यह हिमूल दुग्ध उत्पादन केन्द्र को देखने से ही साफ पता चलता है. हिमूल की दशा दिन परदिन बद-से-बदतर होती जा रही है. हिमूल के अस्तित्व को बचाने के लिए कांग्रेस लगातार आंदोलन करेगी.उन्होंने इस बात की भी धमकी दी.