कोलकाता: बस मालिकों के किराया बढ़ाने की मांग को दरकिनार करते हुए राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल बस किराये में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की जायेगी. डीजल की बढ़ती कीमत से राज्य सरकार के परिवहन विभाग को जितना नुकसान हो रहा है, उतना निजी बस मालिकों को नहीं.
निजी बस मालिक अब भी अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार फिलहाल बस किराया बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रही है. उन्होंने कहा कि डीजल की कीमतों में वृद्धि केंद्र सरकार की देन है, जिससे सभी लोगों पर महंगाई का बोझ बढ़ा है, इसलिए राज्य सरकार आम लोगों पर महंगाई का बोझ और बढ़ाना नहीं चाहती है.
वहीं, किराये में वृद्धि को लेकर मालिकों ने अब राज्य सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई करने का फैसला किया है. बंगाल बस सिंडिकेट के सह सचिव तपन बनर्जी ने बताया कि सोमवार को बस मालिक संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें बस किराया बढ़ाने की मांग की गयी है. इस संबंध में फैसला लेने के लिए राज्य सरकार को 15 जून तक का समय दिया गया है. अगर इस बीच राज्य सरकार कोई फैसला नहीं करती है तो 16 जून को फिर से बस मालिक संगठन बैठक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल के संबंध में फैसला लेंगे. गौरतलब है कि बस मालिकों ने न्यूनतम किराया पांच रुपये से बढ़ा कर सात रुपये करने की मांग की है.