कोलकाता: राज्य में बढ़ती मानव तस्करी की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने बांग्लादेश सरकार के साथ मिल कर विशेष टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला किया है. राज्य के गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 3आर के नाम से यह टास्क फोर्स बनाया जायेगा, जिसमें पुलिस, सीआइडी व बांग्लादेश उच्चयुक्त के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे.
इस टास्क फोर्स के जरिये मानव तस्करी (विशेष कर युवतियों के लिए) को रोका जायेगा और साथ ही बेसहारा लोगों के लिए पुनर्वास की भी व्यवस्था की जायेगी. इस टास्क फोर्स का गठन करने के लिए राज्य सरकार ने बांग्लादेश उच्चयुक्त के साथ कई दौर में बैठक की है.
मानव तस्करी को लेकर त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई करने के लिए भी राज्य सरकार ने कई अभियान चलाये हैं और पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों को इस ओर विशेष ध्यान देने को कहा गया है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, देश में सबसे अधिक बंगाल की युवतियों को वेश्यावृति के लिए बेच दिया जाता है. पिछले कुछ महीने में जबरन वेश्यावृति के धंधे से जोड़ने से संबंधित 57 मामले सामने आये थे, इसमें करीब 86 फीसदी अर्थात 49 मामले बंगाल के हैं.
वहीं, नाबालिग लड़कियों से संबंधित मामलों को देखा जाये तो देश में पिछले दिनों इस प्रकार के 237 मामले आये थे, इसमें से करीब 17.2 फीसदी अर्थात 41 मामले बंगाल के हैं. बताया जाता है कि इन मामलों के लिए विशेष टास्क फोर्स होने से इसकी कार्रवाई करने में काफी आसानी होगी. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों में पहले ही विलेज वॉलुंटियर फोर्स का गठन किया जा चुका है. सीआइडी ने भी मानव तस्करी को रोकने के लिए विशेष सेल भी बनाया गया है. बताया जाता है कि राज्य सरकार ने उज्जवला के माध्यम से राज्य के दो जिले दक्षिण 24 परगना व जलपाइगुड़ी में होम का निर्माण किया जायेगा. इस होम के माध्यम से बेसहारा युवतियों को टेलरिंग, कंप्यूटर ट्रेनिंग, शोला कार्य, ब्यूटीशियन कोर्स इत्यादि कोर्स कराये जायेंगे.