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नकली उत्पादों से 39239 करोड़ की चपत
कोलकाता : नकली उत्पादों की बिक्री के कारण 2014 में केंद्र व राज्य सरकार को 39,239 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई है. फिक्की कास्केड की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. मंगलवार को फिक्की कास्केड के तत्वावधान में जालसाजी और तस्करी से युद्ध-आर्थिक विकास को गति देने के लिए जरूरी पहल विषय पर […]
कोलकाता : नकली उत्पादों की बिक्री के कारण 2014 में केंद्र व राज्य सरकार को 39,239 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई है. फिक्की कास्केड की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. मंगलवार को फिक्की कास्केड के तत्वावधान में जालसाजी और तस्करी से युद्ध-आर्थिक विकास को गति देने के लिए जरूरी पहल विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
इसमें राजस्व में से सबसे अधिक नुकसान तंबाकू उत्पादों से 9139 करोड़ रुपये का हुअा है, जबकि मोबाइल फोन के अवैध कारोबार से 9705 करोड़ रुपये और अल्कोहलयुक्त पेय के अवैध कारोबार से 6309 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. चूंकि यह आंकड़ा 2014 का है. वर्तमान में यह राशि 50 फीसदी से अधिक बढ़ गयी है.
रिपोर्ट के अनुसार राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) द्वारा तस्करी कर लाये गये सिगरेट को जब्त करने के मामलों में 78 फीसदी, फैब्रिक या सिल्क यार्न की जब्ती के मामलों में 73 फीसदी तथा सोने की जब्ती के मामलों में 61 फीसदी वृद्धि हुई है. फिक्की की रिपोर्ट ‘अवैध कारोबार : आतंकवाद और संगठित अपराध का वित्तपोषण’ की रिपोर्ट के अनुसार जालसाजी और पायरेसी के कारण 2013 में वैश्विक स्तर पर 20 से 26 लाख लोग बेरोजगार हुए थे. 2022 तक इससे 42 से 54 लाख लोगों के बेरोजागार होने का अनुमान है.
इसमें 110 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है. फिक्की कास्केड के सलाहाकार एवं केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पीसी झा ने बताया कि पिछले बीस साल के दौरान जालसाजी की गतिविधियों में 100 गुणा बढ़ोत्तरी हुई है और जाली वस्तुओं के कारोबार का आकार वैध अंतरराष्ट्रीय कारोबार के 10 फीसदी के बराबर यानि दुनिया की कुल अर्थव्यवस्था के करीब दो फीसदी के बराबर है. फिक्की के पश्चिम बंगाल राज्य परिषद के चेयरमैन और केवेंटर एग्रो लिमिटेड के सीएमडी मयंक जालान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जालसाजी और तस्करी से उद्योगों, उपभोक्ताओं, सरकार और अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा के विकास के लिए वैध उद्योग के अधिकारों की सुरक्षा की जरूरत को समझना आवश्यक है. राज्य के उपभोक्ता व स्व सहायता समूह के मंत्री साधन पांडेय ने कहा कि जाली व अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों को एयरपोर्ट के साथ-साथ महानगर के अन्य इलाकों में भी अपनी सक्रियता बढ़ानी चाहिए. उन्होंनेे कहा कि पार्क स्ट्रीट जैसे इलाके में कैसे जाली सिगरेट पहुंच जाते हैं. यह सोचनीय विषय है. उन्होंने कहा कि नकली उत्पादों की बिक्री से न केवल राजस्व की हानि होती है, वरन अप्रत्यक्ष कर की उगाही भी प्रभावित होती है.
फिक्की कास्केड के सलाहाकार और दिल्ली पुलिस के पूर्व विशेष आयुक्त दीपचंद ने उपभोक्ताओं को अवैध उत्पादों के हानिकारक प्रभाव के प्रति लगातार जागरूक होने पर बल दिया. अन्य प्रमुख वक्ताओं में फेडरेशन ऑफ कंज्यूमर एसोसिएशंस, पश्चिम बंगाल की अध्यक्ष माला बनर्जी, डीआरआई की कोलकाता जोनल इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक (आइआरएस) दीपांकर आरोन, पश्चिम बंगाल के विशेष पुलिस अधीक्षक (विशेष) श्रीहरि पांडेय व फिक्की की पश्चिम बंगाल राज्य परिषद के सह चेयरमैन हरीश अग्रवाल ने अपना वक्तव्य रखा.
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