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राज्य में फिर चुपचाप हुआ भारी मतदान

कोलकाता/नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल में लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव में बुधवार को भी भारी मतदान हुआ. चार जिलों की नौ सीटों हावड़ा, उलबेड़िया, श्रीरामपुर, हुगली, आरामबाग, बर्दवान पूर्व, बर्दवान-दुर्गापुर, बोलपुर व बीरभूम में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. भारी मतदान और मतदाताओं की चुप्पी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए सवालिया निशान छोड़ती जा […]

कोलकाता/नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल में लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव में बुधवार को भी भारी मतदान हुआ. चार जिलों की नौ सीटों हावड़ा, उलबेड़िया, श्रीरामपुर, हुगली, आरामबाग, बर्दवान पूर्व, बर्दवान-दुर्गापुर, बोलपुर व बीरभूम में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. भारी मतदान और मतदाताओं की चुप्पी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए सवालिया निशान छोड़ती जा रही है.

अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि मतदाताओं का रुख क्या है? बुधवार को 81.35 फीसदी वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. हालांकि मतदान शुरू होने के साथ कई स्थानों पर इवीएम खराब होने की शिकायतें मिलीं. राज्य की विपक्षी पार्टियों ने कई जगह बूथ पर कब्जे का आरोप लगाया. माकपा ने तीसरे चरण के मतदान में बड़े स्तर पर मतदान केंद्रों पर कब्जा करने, चुनाव में धांधली एवं हिंसा का आरोप लगाया है.

वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत से नयी दिल्ली में मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि न तो केंद्रीय बलों को तैनात किया गया न ही 98 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वीडियो रिकॉर्डिंग करवायी गयी जहां बुधवार को मतदान हुआ. येचुरी ने कहा कि आज की चुनाव संबंधी घटनाएं आने वाले समय में पश्चिम बंगाल में होने वाले अगले दो चरणों के मतदान के गंभीर संकेतक हैं.

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को जाना ही पड़ेगा. कुछ लोगों ने अपनी जिम्मेदारियों को अंजाम नहीं दिया है. श्रीरामपुर से कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल मन्नान ने भी बूथ कब्जे का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि लोगों को तृणमूल समर्थक डरा धमका रहे हैं. इस संबंध में चुनाव आयोग के पास शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

उधर, विशेष चुनाव पर्यवेक्षक सुधीर कुमार राकेश ने स्वीकार किया कि विपक्षी दलों ने कई स्थानों पर बूथ दखल व जाम होने के संबंध में शिकायत दर्ज करायी है. इस संबंध में जिला चुनाव अधिकारी से जवाब तलब किया गया है. गौरतलब है कि आरामबाग लोकसभा क्षेत्र के माइग्राम प्राइमरी स्कूल स्थित मतदान केंद्र पर तृणमूल कांग्रेस द्वारा संचालित पंचायत की सदस्य झरना सिन्हा ने एक वृद्ध महिला वोटर के बदले खुद मतदान किया. इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दी. खबर मिलते ही आयोग ने पीठासीन अधिकारी को हटा दिया और वृद्धा के बदले वोट देने वाली पंचायत सदस्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गयी है.

घटना के बाद से ही आरोपी पंचायत सदस्य फरार बतायी गयी हैं. केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के संबंध में श्री राकेश ने कहा कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार अधिक संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान तैनात किये गये हैं. विपक्षी पार्टियों की पुनर्मतदान की मांग के संबंध में उन्होंने कहा कि जिलों के चुनाव अधिकारी व रिटर्निग अफसर से रिपोर्ट मिलने के बाद फैसला लिया जायेगा. श्री राकेश ने हालांकि कहा, ‘ चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रहे लेकिन मैं शांतिपूर्ण नहीं कह सकता.’ मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीइओ) सुनील गुप्ता ने बताया कि नौ संसदीय सीटों पर शाम छह बजे तक औसतन 81.35 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. गुप्ता ने कहा, ‘हालांकि कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लगी हुई थीं और कतारों के समाप्त हो जाने तक मतदान जारी रहेगा. आखिरी आंकड़ों में वृद्धि हो सकती है.’ गुप्ता ने कहा कि पक्षपात के आरोपों के बाद एक पीठासीन अधिकारी और एक चुनाव अधिकारी को हटा दिया गया और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जा रही है.

बुधवार को जिन प्रत्याशियों की किस्मत इवीएम में बंद हो गयी, उनमें भाजपा के बप्पी लाहिड़ी, चंदन मित्र व जार्ज बेकर, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, शताब्दी राय, सुलतान अहमद और प्रसून बनर्जी शामिल हैं.

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