कोलकाता: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पेंटिंग 1.8 करोड़ में बेचे जाने का आरोप लगाये जाने के बाद मामले में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री की पेंटिंग को इतनी अधिक कीमत में खरीदने वाले का नाम तक बता डाला है. कलकत्ता जर्नलिस्ट एसोसिएशन की ओर से आयोजित मीट द प्रेस कार्यक्रम में श्री चौधरी ने कहा कि सारधा चिटफंड कंपनी के मालिक सुदीप्त सेन ने ममता बनर्जी की पेंटिंग एक करोड़ 86 लाख रुपये में खरीदी थी. अगर उनमें दम है तो उनके (अधीर) इस आरोप के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर सकते हैं. वह इसका सामना करने के लिए तैयार हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह कितनी शर्मनाक बात है कि लाखों लोगों को ठगने वाला सुदीप्त सेन सरकार के पक्ष में बोल रहा है. जब-जब सरकार मुसीबत में फंसती है तो वह सामने आ कर सरकार के समर्थन में बयान देता है. चौधरी ने कहा कि एक तरफ सुदीप्त सेन सारधा घोटाले की जांच कर रहे एसआइटी की सराहना करता है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री भी एसआइटी के कामकाज की तारीफ करती हैं.
आखिर मुख्यमंत्री एवं एक धोखेबाज के बयानों में इतना मेल क्यों है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग पर लगाये गये पक्षपात के आरोप को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग से हमें भी कई शिकायतें है, पर इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमारा दुश्मन है. देश में किसी भी राजनीतिक दल ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप नहीं लगाया है. तृणमूल का यह आरोप बचकाना है.
सत्तारूढ़ दलों की मदद से चिटफंड कंपनियां फली-फूलीं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 1980 से सत्तारूढ़ दलों की सहायता से ही राज्य में चिटफंड कंपनियों का व्यवसाय चल रहा है. सीबीआइ जांच से इस गोरखधंधे के रहस्य से परदा उठ सकता है. श्री चौधरी ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि यदि ममता बनर्जी में हिम्मत और साहस है, तो उन्हें लाखों गरीबों को धोखा देने वाले सारधा मामले में सीबीआइ जांच का आदेश देना चाहिए. सुदीप्त सेन व सारधा की बैलेंस शीट और सभी वित्तीय लेनदेन की जांच होनी चाहिए, ताकि धन के स्नेतों का और उसका लाभ उठाने वालों का पता चल सके.