चिदंबरम का पलटवार
कोलकाता/नयी दिल्ली: ममता बनर्जी द्वारा सारधा घोटाले के मुद्दे को लेकर उन पर निशाना साधे जाने के साथ वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के इस आरोप को खारिज किया कि प्रवर्तन निदेशालय उनके इशारे पर काम कर रहा है.
चिदंबरम ने कहा कि आखिर मुख्यमंत्री उन लोगों के बारे में चिंतित क्यों हैं जो गलत काम करने के आरोपों का सामना कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें इसके बजाय पीड़ित लोगों के बारे में चिंता करनी चाहिए. ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले चिदंबरम पर आरोप लगाया था कि वह तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को उकसा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘चूंकि चुनाव आ गये हैं आपने प्रवर्तन निदेशालय को भेज दिया है, चिदंबरम बाबू . मैंने सुना है कि सारधा की शिकायत में आपकी पत्नी का नाम है.
मैंने एफआइआर की कॉपी देखी है. कानून अपना काम करेगा.’ मुख्यमंत्री के आरापों के बारे में सवालों का जवाब देते हुए चिदंबरम ने कहा कि आठ महीने पहले इसे स्पष्ट कर दिया गया था कि वह (चिदंबरम की पत्नी) एक प्रोफेशनल के रूप में पेश हुई थीं और एक अन्य महिला को सलाह दे रही थीं.
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी द्वारा इस काम के लिए पारिश्रमिक चेक के जरिये प्राप्त किया गया था. वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री आरोप लगाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन वह उन लोगों के लिए इतनी चिंतित क्यों हैं जिन पर गलत काम करने का आरोप लगे हैं. इसके बजाय उन्हें गलत कार्यों के शिकार बने लोगों की चिंता करनी चाहिए. चिदंबरम ने इस आरोप को भी गलत बताया कि उन्होंने इस मामले में कोई निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के मद्देनजर जांच चल रही है.
‘सीबीआइ जांच करायें ममता’
कोलकाता: वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सारधा घोटाले की सीबीआइ जांच के लिए सहमति जतानी चाहिए. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय और राज्य स्तर के दलों का राष्ट्रीय राजनीति में कोई स्थान नहीं है. भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘केंद्र में या तो भाजपा नीत राजग है या फिर कांग्रेस नीत संप्रग है. कोई क्षेत्रीय पार्टी सरकार बनाने में सक्षम नहीं होगी.’ यह पूछे जाने पर कि चुनाव बाद राजग में तृणमूल का स्वागत किया जायेगा तो गडकरी ने कहा, ‘यह निश्चित है कि राजग अपनी बदौलत सत्ता में आयेगा. किसी क्षेत्रीय पार्टी से समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी. राजग अपना विस्तार करना चाहेगा और किसी का भी हमारे यहां स्वागत है.’
यूपीए सरकार के 20 दिन रह जाने पर उठाया जा रहा है सारधा मुद्दा
कोलकाता. सारधा चिटफंड घोटाले को लेकर पी चिदंबरम और अभिषेक मनु सिंघवी के आरोपों पर राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र ने कहा कि इस मुद्दे को तब उठाया जा रहा है जब यूपीए सरकार के महज 20 दिन रह गये हैं. मित्र ने केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘उन्होंने पीड़ितों के बारे में सोचना शुरू कर दिया है या उन्होंने ऐसे में बेपरवाह बने रहना पसंद किया जबकि मौजूदा सरकार के महज 20 दिन बच गये हैं. ’
पोंजी घोटाले की सीबीआइ से जांच कराने की सिंघवी की मांग पर मित्र ने सीबीआइ को ‘कांग्रेस ब्यूरो आफ इंवेस्टीगेशन’ करार दिया.मित्र ने कहा, ‘चिदंबरम इडी के बारे में बात कर रहे हैं और अन्य सीबीआइ के बारे में. इसका मतलब है कि किसी को भी दोनों ही एजेंसियों में भरोसा नहीं है.’ उन्होंने हरियाणा एवं पंजाब की एक कंपनी द्वारा 45 हजार करोड़ रुपये के घोटाले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस कंपनी का कार्यालय चिदंबरम के दफ्तर से महज एक किलोमीटर दूर था. तृणमूल के मंत्री ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को शामिल करना कुछ और नहीं बस चुनावी राजनीति हैं. उन्होंने कहा, ‘हम आहत और नाराज हैं.’
‘दोषियों को बचाने का प्रयास’
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ममता सरकार पर सारधा घोटाले में शामिल लोगों को बचाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि वास्तविक साहस का मतलब सादगी का दिखावा करना नहीं, बल्कि कार्रवाई करना होता है. अपनी सादगी के लिए मशहूर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला करते हुए सिंघवी ने कहा, ‘वास्तविक साहस का मतलब सादगी का दिखावा करना नहीं, बल्कि उस वक्त कार्रवाई करना और कदम उठाना है जब किसी अपराध में आपके अपने लोग शामिल हों.’ सिंघवी ने कहा, ‘मैं दिल्ली से आता हूं और यह जानता हूं कि सारधा घोटाले की सीबीआइ जांच में सबसे बड़ा विरोध तृणमूल सरकार की ओर से हो रहा है.’ अगर एससीएफ का मतलब सारधा चिटफंड से है तो टीएमसी का मतलब ‘तृणमूल मॉडल चिट’ से है.’ उन्होंने राज्य की आर्थिक और औद्योगिक स्थिति को लेकर भी ममता सरकार पर निशाना साधा.