कोलकाता: एसएससी के टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीइटी) परीक्षा में उत्तीर्ण हुई छात्रा रूमा दास के खुदकुशी कर लेने की घटना को लेकर परीक्षार्थियों व छात्रों में काफी रोष है.
घटना के विरोध में शुक्रवार को टेट अभ्यर्थियों ने कॉलेज स्क्वायर से रैली निकाली, जो मेडिकल कॉलेज, बऊबाजार, एसएन बनर्जी रोड ,रानी रासमणि रोड होते हुए धर्मतल्ला पहुंची. छात्रों ने एसएससी की नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध किया. विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि इतने दिनों से नौकरी की लड़ाई लड़ने के बावजूद कोई भी समाधान नहीं निकल पाया, बल्कि हमारी एक साथी की जान भी चली गयी. सरकार छात्रों को झूठा आश्वासन देकर सभी परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खेल रही है.
उन्होंने कहा कि चौथे चरण की काउंसेलिंग के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया अधूरी रह गयी. इससे खराब और क्या हो सकता है कि राज्य के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति के लिए एसएससी की ओर से परीक्षा में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की मेधा तालिका में नाम होने के बावजूद नौकरी नहीं मिल पायी. बार-बार छात्रों के अनशन के बावजूद काउंसेलिंग का आश्वासन दिया गया, जिसके तहत कुछ ही छात्रों को नियुक्ति पत्र दिये गये. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि न ही राज्य सरकार उनकी सुन रही है, न ही राज्यपाल ही कुछ कर रहे हैं. इसी से परेशान होकर रूमा ने जान दे दी. गौरतलब है कि नौकरी नहीं मिलने की वजह से मानसिक रूप से परेशान रानाघाट की रहनेवाली रूमा दास ने बुधवार रात को आत्महत्या कर ली थी.
मौत को लेकर विरोध रैली
इस घटना के विरोध में महानगर में व्यापक रूप से विरोध प्रदर्शन किया गया. विरोध प्रदर्शन में छात्र एक्य संग्राम मंच समेत डीवाइएफआइ व युवा लीग के कार्यकर्ता भी शामिल रहे. जानकारी के मुताबिक, रैली शुक्रवार को अपराह्न डेढ़ बजे से कॉलेज स्क्वायर से निकाला गया. विरोध रैली में माकपा के आला नेता रबीन देव शामिल रहे जबकि रैली का नेतृत्व बंगाल में युवा लीग के सचिव अनिर्वाण राय चौधरी, दीपिका मंडल, जयंत राय, अमूल देव राय, श्रीकांत सोनकर, दिवाकर विश्वास ने किया. विरोध रैली महानगर के कई इलाकों से गुजरते हुए धर्मतल्ला के वाइ चैनल पर समाप्त हुई. प्रदर्शनकारियों ने रूमा दास के आत्महत्या की घटना को लेकर मौजूदा राज्य सरकार की नीतियों की निंदा की है. साथ ही शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के इस्तीफे की मांग की गयी है.