कोलकाता : सारधा चिटफंड मामला यहां की सत्तारूढ़ पार्टी के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है और इसलिए इसे अगर चुनावी मुद्दा की तरह प्रयोग किया जाये, तो इससे सभी विपक्षी पार्टियां माकपा, भाजपा व कांग्रेस यहां की सत्तारूढ़ तृणमूल को घेर सकती हैं.हालांकि विपक्षी पार्टियों ने इसे अपना प्रमुख मुद्दा बनाते हुए तृणमूल कांग्रेस को घेरने की तैयारी में लग गये हैं.
माकपा ने की सीबीआइ जांच की मांग
राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी माकपा ने सारधा चिटफंड कंपनी के घोटाला मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग कर रही है. पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य बुद्धदेव भट्टाचार्य ने इस घोटाले को लेकर राज्य में ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हजारों करोड़ रुपये का घोटाला है. सारधा कंपनी द्वारा वसूला गया रुपया कहां गया और कौन-कौन इससे लाभान्वित हुआ है.
अगर सीबीआइ द्वारा मामले की जांच करायी जाये, तो इन सबका का खुलासा हो जायेगा.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी हमेशा से ही खुद को सच्चाई की प्रतीक बताती थीं, लेकिन जिस प्रकार से इस घोटाले में रोजाना पार्टी के बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है, इससे साफ जाहिर है कि यह झूठ की सरकार है. उन्होंने कहा कि वह मीडिया में जो रोज देख रहे हैं, उसके आधार पर, यह सरकार ईमानदारी नहीं बल्कि सारधा के प्रतीक के रुप में देखी जा सकती है. वह दिन दूर नहीं जब यह सरकार गिर जायेगी.
भाजपा ने भी साधा निशाना
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने भी धन शोधन कंपनियों के बढ़ने को लेकर तृणमूल पर निशाना साधा और कांग्रेस एवं माकपा की तरह सीबीआइ जांच की मांग की. वहीं, दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा से यह कहती रही हैं कि पूर्ववर्ती वाममोरचा के कार्यकाल में ही इस घोटाले के बीज बोये गये थे.