कोलकाता: रानजीतिक दल व राजनेता चुनाव के समय मतदाताओं से काफी वादे करते हैं, पर चुनाव के बाद वादों को भूल जाना भारतीय राजनीति की परंपरा रही है. राजनीतिक दलों व नेताओं को ऐसा करने से रोकने एवं उन्हें उनके किये गये वादों को याद दिलाने के लिए देश भर में एक अभियान शुरू किया गया है, जिसका नाम वादा न तोड़ो अभियान है.
इस अभियान में देश के 22 राज्यों के तीन हजार से अधिक स्वयंसेवी संस्थायें, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद, श्रमिक संगठन एवं मीडिया के प्रतिनिधि शामिल हैं. राजनीतिक दलों एवं नेताओं को उनके वादे याद दिलाने के लिए आम लोगों के घोषणा पत्र के लिए एक राष्ट्रीय मंच का गठन किया था. जिसके द्वारा आम लोगों का घोषणा पत्र तैयार किया गया है.
जिसका लक्ष्य सभी को समानता, न्याय व सम्मान दिलाना है. एक संवाददाता सम्मेलन में वादा न तोड़ो अभियान की राज्य को-ऑर्डिनेशन कमेटी की रहीमा खातुन ने बताया कि इस घोषणा पत्र को तैयार करने के लिए हम लोगों ने देश के 22 राज्यों में स्थित लोकसभा की 250 संसदीय क्षेत्रों के लाखों मतदाताओं की राय ली.
इन 250 सीटों में बंगाल की 16 सीटें भी शामिल हैं. इस घोषणा पत्र के द्वारा सभी प्रकार की जीवनदायी दवाओं का मुफ्त वितरण, स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना, सभी को शुद्ध पेय जल पहुंचाना, हर घर में शौचालय का निर्माण सुनिश्चित करना, शिक्षा की रौशनी हर किसी तक पहुंचाना, मीड-डे मील के खर्च में वृद्धि करना, स्कूलों में शौचालय व साफ पानी उपलब्ध कराना, बाल श्रम पर पूरी तरह पाबंदी लगाना, जरूरतमंद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित करना, मनरेगा में नये काम शामिल करना, महिलाओं को मनरेगा में अधिक काम का अवसर देना, चाय बागान में काम करने वाली महिलाओं को छह महीने का प्रसव छुट्टी देना इत्यादि मांगें उठायी गयी हैं. श्रीमती खातून ने बताया कि आम लोगों के इस घोषणा पत्र को हम लोग सभी राजनीतिक दलों तक पहुंचायेंगे और उनसे यह सुनिश्चित करने का आवेदन करेंगे कि देश के आम लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली इन मांगों को पूरा किया जाये और राजनीतिक दल अपने किये गये वादों को जरूर पूरा करें.