कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ऑल इंडिया गोरखा लीग के दिवंगत नेता मदन तमांग के अंगरक्षक की हत्या के प्रयास के मामले में आज गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के प्रमुख बिमल गुरुंग और उनकी पत्नी आशा को अग्रिम जमानत दे दी. पुलिस कांस्टेबल महेश्वर ठाकुरी की हत्या के प्रयास के आरोप में दर्ज प्राथमिकी में गुरुंग और उनकी पत्नी के नाम शामिल किए गए हैं. ठाकुरी तमांग के निजी सुरक्षाकर्मी रहे थे.
तमांग की 21 मई, 2010 को दिनदहाडे हत्या कर दी गयी थी. गोलियां चलने से ठाकुरी भी घायल हुए थे. ठाकुरी ने प्राथमिकी में 36 लोगों के नाम लिए थे. दार्जिलिंग की एक अदालत ने पिछले महीने गुरुंग और उनकी पत्नी आशा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. आशा जीजेएम की महिला शाखा की प्रमुख हैं. उसके बाद इस दंपति ने अग्रिम जमानत के लिये उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.