सिलीगुड़ी: इन दिनों सिलीगुड़ी में शाम ढलते-ढलते लुच्चे-लफंगे मदमस्त हो उठते हैं. रात गहराते-गहराते लफंगे बेखौफ हो जाते हैं और पुलिस बेपरवाह. पुलिस के सामने ही नशे में धुत बदमाश सरेआम लूटपाट, मारपीट जैसी वारदातों को अंजाम दे जाते हैं. लेकिन पुलिस आंख बंद कर मूकदर्शक की भूमिका निभाती रहती है. इस तरह की वारदातें सिलीगुड़ी में हर जगह आये दिन देखने-सुनने को मिलती रहती हैं, लेकिन सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अंतर्गत भक्तिनगर थाना क्षेत्र में ये वारदातें अब आम बात हो गयी हैं.
पुलिस की लापरवाही कहें या फिर गैर-जिम्मेदारी, बेखौफ बदमाश खाकी वर्दी के सामने ही सीना चौड़ा कर वारदातों को बड़े इत्मीनान से अंजाम दे जाते हैं. दो रोज पहले ही रात तकरीबन 11 बजे भक्तिनगर थाने के ठीक सामने चेकपोस्ट के पास नशे में धुत कुछ बदमाशों ने चार छात्रों के साथ मारपीट की. जिसमें कोलकाता से आये एक छात्र की बदमाशों ने बुरी तरह धुनाई की.
छात्रों के अभिभावकों की ओर से दूसरे दिन सुबह थाना में पुलिस को शिकायत भी की गयी. लेकिन पुलिस की लापरवाही के वजह से आरोपी बदमाश आज भी बेखौफ घूम रहे हैं. पीड़ित छात्रों में एक छात्र प्रतीक चेकपोस्ट का ही रहनेवाला है. उसने बताया कि रात को घर में खाना खाने के बाद वह और उसके तीन साथी थाने के सामने एक पान दुकान में कोल्ड ड्रिंक पीने और चॉकलेट खरीदने गये. इसकी कीमत कुल 119 रुपये हुई. 19 रुपये के सिक्कों को लेकर दुकानदार के साथ बहस हो रही थी. तभी एक शराबी वहां अचानक पहुंच गया और हमारे साथ उलझ गया. कुछ देर के बहस के बाद हम चारों साथी घर की ओर लौटने लगे. घर के नजदीक पहुंचते ही शराबी के दो साथी हमारे ऊपर पिल पड़े और कोलकाता से आये दोस्त को जमीन पर गिराकर लात-घूंसों से पीटने लगे.
प्रतीक ने बताया कि वारदात के दौरान सड़क के दूसरी ओर पुलिस वैन भी खड़ी थी. जिसपर कई पुलिस भी सवार थे. लेकिन एक भी पुलिस हमें बचाने नहीं आया, बल्कि वारदात को कुछ देर तक तमाशबीन की तरह देखते रहे और कुछ देर बाद वैन के साथ इस कदर गायब हो गये कि वहां कुछ हुआ ही न हो. स्थानीय निवासी दिलीप मंडल का कहना है कि जो लुच्चे-लफंगे, बदमाश चेकपोस्ट के आसपास आये दिन लूटपाट व मारपीट जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं उन्हें भक्तिनगर थाना का पूरा शह मिला हुआ है. वहीं, बदमाश पुलिस के लिए दलाली का काम करते हैं और बड़े स्तर के आपराधिक मामलों के लिए पुलिस का मुखबिर का भी काम करते हैं. इसलिए पुलिस इनके काले कारनामों को देखकर भी अनजान बन जाती है. वहीं, स्थानीय एक महिला पूनम का कहना है कि शाम के बाद चेकपोस्ट जैसे व्यस्त इलाके में अब महिलाओं का भी चलना-फिरना दूभर हो गया है. आये दिन यहां वारदातें होती रहती है लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है. पुलिस से शिकायत करने पर भी कुछ नहीं होता.
इंस्पेक्टर अनुपम मजूमदार की सफाई
इस संबंध में भक्तिनगर थाना के इंस्पेक्टर अनुपम मजूमदार ने सफाई पेश की है. उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा है कि पुलिस के साथ बदमाशों का सांठगांठ का आरोप बेबुनियाद है. अगर ऐसी शिकायत मिलती है तो वह खुद जांच-पड़ताल करेंगे और बदमाशों के साथ-साथ आरोपी पुलिस कर्मी पर भी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही उन्होंने दो रोज पहले चेकपोस्ट के पास रात में हुए मारपीट की घटना की शिकायत मिलने की भी बात स्वीकार की. श्री मजूमदार का कहना है कि जांच अधिकारी मामले की तफ्तीश कर रहे हैं. लेकिन अभी तक बदमाशों का शिनाख्त नहीं हो पाया है. जल्द ही सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे. उन्होंने कहा कि उनके इलाके में किसी भी तरह के राउडी कतई बरदाश्त नहीं किये जायेंगे.